गया : इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव होना है और 13 नवंबर को मतदान होगा. उम्मीदवारों का घोषणा भी हो चुका है जिसमें महागठबंधन की ओर से राजद की टिकट पर रौशन मांझी चुनाव लड़ रहे हैं जबकि एनडीए की ओर से हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के दीपा मांझी वहीं जन सुराज पार्टी से डॉक्टर जितेंद्र पासवान को उम्मीदवार बनाया गया है. वैसे तो इमामगंज विधानसभा क्षेत्र एनडीए के गढ़ के रूप में जाना जाता है और पिछले 24 साल से यहां पर लगातार एनडीए के उम्मीदवार को जीत मिलती रही है. हालांकि इस बार के चुनाव में कई मुद्दे हैं जिसको लेकर यहां की जनता वोट करने वाली है.
एक दौर में इमामगंज विधानसभा क्षेत्र नक्सलियों का सेफ जोन माना जाता था लेकिन पिछले कुछ वर्षों में कई जगहों पर थाना और कैंप खुलने के बाद नक्सलियों का लगभग यहां से सफाया हो चुका है. हालांकि क्षेत्र में आज भी कई ऐसे जगह है जहां विकास का काम अधूरा है. इमामगंज विधानसभा क्षेत्र के बांकेबाजार प्रखंड से पिछले कई सालों से अखबार के लिए पत्रकारिता कर रहे कमल किशोर वर्मा से लोकल 18 ने स्थानीय मुद्दा तथा इमामगंज विधानसभा क्षेत्र की जातीय समीकरण क्या कहती है इस पर बातचीत की.
बालू उठान से सिंचाई में हो रही परेशानी
वरिष्ठ पत्रकार कमल किशोर वर्मा ने बताया कि बांके बाजार और इमामगंज क्षेत्र में बालू का उठाव सबसे बड़ा समस्या है. बालू के उठाव के कारण नदियों का जलस्तर खत्म हो गया है जिस कारण किसानों को सिंचाई में भी समस्या उत्पन्न हो रही है. इस बार यह मुद्दा काफी हावी होने वाला है जो भी उम्मीदवार इस समस्या के समाधान का निराकरण करने का दावा करेगी जनता उसे ही वोट करेगी. वहीं जातीय समीकरण के सवाल पर इन्होंने बताया इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा भुईंया और मांझी समाज के लोगों की आबादी है. चूंकि इमामगंज सीट अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है इसलिए यहां पर दांगी और कुशवाहा का वोट निर्णायक साबित होगा.
24 साल से NDA की मानी जाती है सुरक्षित सीट
मांझी और भुईंया समाज के बाद दांगी का वोट सबसे अधिक है. इस चुनाव में दांगी और कुशवाहा समाज का झुकाव जिस भी उम्मीदवार के तरफ होगा उस प्रत्याशी का जीत सुनिश्चित है. पिछले 24 साल से एनडीए के गढ़ के रूप में यह सीट सुरक्षित मानी जाती है और इसमें इस बार यहां पर महागठबंधन और जन सुराज के प्रत्याशी भी कुशवाहा और दांगी समाज को अपने पाले में करने के लिए पुरजोर कोशिश करेगी. कमल किशोर ने बताया कि इस उप चुनाव में बालू का मुद्दा सबसे ज्यादा हावी रहने वाला है.
Tags: Bihar News, Gaya news, Local18
FIRST PUBLISHED :
October 21, 2024, 17:11 IST