Agency:News18 Haryana
Last Updated:February 07, 2025, 18:24 IST
Sonipat Latest News: अमेरिका से भारत लौटे हरियाणा के युवक ने वहां की ऐसी-ऐसी घटनाओं के बारे में बताया जिसे सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे. युवक ने बोला कि मुझे वहां कि सेना ने खाने के लिये बीफ दिया लेकिन मैंने..., आइ...और पढ़ें
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डॉलर कमाने अमेरिका गया था युवक.
सोनीपत. अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की नई सरकार बनते ही अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे विदेशियों को वापिस भेजने की तैयारी शुरू कर दी है. 104 भारतीयों को अमृतसर एयरपोर्ट पर अमेरिकी सेना का विमान उतार गया, जिसमें हरियाणा और पंजाब के अधिकतर युवा शामिल थे, जिनको हरियाणा और पंजाब पुलिस ने उनके घरों पर भिजवाया. अमेरिका से हरियाणा के सोनीपत के गांव खानपुर खुर्द के रहने वाले निशांत को भी वापिस भेज दिया गया है और निशांत ने डंकी के रास्ते अमेरिका जाने और डंकी के रास्ते आने वाली खौफनाक मंजर के साथ-साथ अमेरिकी सेना और पुलिस की यातनाओं की रूह कंपा देने वाली कहानी से रूबरू कराया.
अगर आप युवा हैं और डंकी के रास्ते अमेरिका जाना चाहते हो तो ये युवक जिसकी आप कहानी सुन रहे हो ये भी अमेरिका जाना चाहता था और डॉलर कमाकर अपने पिता का सहारा बनाना चाहता था, अपनी तीन-तीन छोटी बहनों की पढ़ाई का खर्चा उठाना चाहता था. यह युवक हरियाणा के सोनीपत के छोटे से गांव खानपुर खुर्द का रहने वाला निशांत है. निशांत के पिता नरेंद्र खेती करते है और इसी खेती से बेटे को पढ़ा लिखा कर बड़ा किया, लेकिन बेटे को चाह थी कि वह विदेश जाए. जिसको लेकर इस परिवार का संपर्क करनाल के नूरन खेड़ा निवासी राजेश नरवाल के साथ हुआ और उसके बाद राजेश नरवाल ने एक के बाद एक इस परिवार को झांसे में लेकर 45 लाख रुपए ले लिए और निशांत को डंकी के रास्ते अमेरिका जाने का मौका मिल गया.
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बेटे की कहानी सुंते ही पिता के आंसू निकल आए
मई महीने से निशांत को करीब 21 देशों की खतरनाक रास्तों से गुजर कर अमेरिका पहुंचना था, जिसकी कहानी खुद निशांत ने बताई, क्या बताया निशांत ने खुद ही सुन लीजिए. निशांत ने बताया कि अमेरिकी सेना ने भारतीयों के साथ बहुत दुर्व्यवहार किया, हमें बीफ खाने को दिया गया, लेकिन हम हिंदू थे तो हमने नहीं खाया, अमेरिका सेना हमें जहाज में बैठाकर बेड़ियों से जकड़कर 55 घंटे में भारत लाया, डंकी के रास्ते जाने में हर दिन मौत देखी गई, हमारे साथ कई युवा डंकी के रास्ते गए थे उनकी जान चली गई. निशांत ने जो कहानी बताई वो रूह कंपा देने वाली थी. बेटे के साथ हुए जुर्म के बारे में सुनकर उसके पिता के भी आंसू निकल आए.
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पिता ने बताया बेटे को क्यों भेजा अमेरिका
सोनीपत के खानपुर खुर्द के एक छोटे से किसान नरेंद्र ने अपने बेटे निशांत को अमेरिका भेजने का जो तर्क दिया उसे सुनकर हरियाणा सरकार भी सोचने को मजबूर हो जाएगी. उन्होंने बताया कि उनके चार बच्चे हैं, तीन बेटियां और एक बेटा, बेटियां सरकारी नौकरी की तैयारी कर रही लेकिन नौकरी नहीं मिल रही है. बेटे को 45 लाख रुपए का कर्जा लेकर अमेरिका भेजा था, ये सोचकर की बेटियों की पढ़ाई से लेकर घर चलाने में मदद मिलेगी, लेकिन गलत तरीके से भेजने का अंजाम गलत होता है और अमेरिका ने भारतीयों को जिस हालत में घर भेजा वो तो अधिकारों के भी खिलाफ है. नरेंद्र छोटे से गांव के साधारण से व्यक्ति है तो बेटे के घर लौटने की खुशी भी हो रही है.
Location :
Sonipat,Sonipat,Haryana
First Published :
February 07, 2025, 18:24 IST