Last Updated:February 07, 2025, 21:01 IST
Aeroindia-2025: एशिया का सबसे बड़ा एयरो शो ‘एयरो इंडिया-2025’ 10 फरवरी से कर्नाटक के बैंगलुरू में येलहंका एयरफोर्स स्टेशन में शुरू होगा. यह एयरो शो 14 फरवरी तक चलेगा. यहा एयरो इंडिया का यह 15 वां संस्करण है. एय...और पढ़ें
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चीन-पाक के चीफ कर के दिखाएं एसा कुछ..
Aeroindia-2025: स्वदेशी तेजस भारत का गौरव है. दुनिया के सामने तकनीक के मामले में भारत की धमक है. भारतीय वायुसेना में तेजस शामिल है. दुनिया के कई देश तेजेस में रुची दिखा चुके है. सिंगल इंजन तेजस आने वाले दिनों में सबकी पहली पंसद बन सकते है. इस बार एयरों इंडिया में भी तेजस की धूम दिखाई देगी. और इस एयरो इंडिया 2025 में एसा पहली बार होने जा रहा है जो कि शायद ही किसी देश में हुआ हो. चीन और पाकिस्तान तो ऐसा कभी सोच भी नहीं सकते या कहें हिम्मत तक नहीं दिखा सकते. इस बार भारतीय वायुसेना अध्यक्ष और थलसेना अध्यक्ष में तेजस में एक साथ उड़ान भर रहे हैं.
एयर चीफ के को पायलट होंगे आर्मी चीफ
भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ऐ पी सिंह और थल सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी कोर्समेट है. दोनों चीफ तेजस के ट्रेनर में उडान भरेंगे. वायुसेना प्रमुख विमान उड़ा रहे होंगे तो थल सेना प्रमुख को पायलट की पिछली सीट पर बैठे होंगे. एयरो इंडिया की शुरआत से ठीक एक दिन पहले यह कारनाम होगा. अमूमन सुरक्षा के लेहज से कभी दो चीफ एक साथ एक एयरक्राफ्ट में नहीं सफर करते है. लेकिन 9 फरवरी को बैंगलोर में ऐसा होेगा. यलहांका एयर बेस से दोपहर में तेजस टेकऑफ लेगा. वायुसेना प्रमुख 10 तारीख को भी तेजस फॉरमेशन में तेजस उड़ाते नजर आएंगे.
पीएम मोदी भी भर चुके हैं तेजस में उड़ान
25 नवंबर 2023 का वो दिन जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वदेशी तेजस में उड़ान भर कर सबको चौंका दिया था. देश के प्रधानमंत्री देश के फाइटर में 30 मिनट तक उड़ान भरी और इसकी ताकत से खुद रूबरू हुए. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 2019 में तेजस में सवारी की थी. देश के पहली मल्टी नेशनल एयर एक्सर्साइज तरंग शक्ति में तेजस ने राफेल, F-16, यूरोफाइटर के साथ मुकाबला भी किया. इसी अभ्यास में कई देशों के सेना प्रमुख ने तेजस में खासा रुची दिखाई थी. तरंग शक्ति 2024 के पहले चरण में तेजस के होम बेस सूलूर में फ्रांस, जर्मनी और स्पेन के वायुसेना प्रमुख एक साथ एक फॉर्मेशन में उड़ान भरी थी. इस फॉर्मेशन में फ्रांस और जर्मनी के वायुसेना प्रमुख ने तेजस में उड़ान भरी थी. पहली बार ही भारतीय सेना के तीनों अंगों के वाइस चीफ ने भी उड़ान भरी थी. उस वक्त के वायुसेना के वाइस चीफ और मौजूदा के वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ऐ.पी.सिंह ने उस फॉर्मेशन को लीड किया था.
तेजस की खासियत
इंजन तेजस 4.5 जेनेरेशन डेल्टा विंग मल्टी रोल कांबेट एयरक्राफ़्ट है जिसे DRDO की एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी ADA ने डिजाईन किया और HAL इसका निर्माण कर रही है. इसकी पहली फ्लाइट साल 2001 में हुई और साल 2015 भारतीय वायुसेना में शामिल हो गया. तेजस का पहला स्कवॉडर्न सुलूर में 2016 स्थापित किया गया. यह नंबर 45 स्क्वाड्रन फ्लाइंग डैगर के नाम से जाना जाता है. दूसरा 18 स्क्वाड्रन “फ्लाइंग बुलेट” भी सुलूर में साल 2020 में स्थापित किया गया. दुनिया में तेजस सुपरसोनिक कमंबेट एयरक्राफ्ट इस सेग्मेंट में सबसे छोटा और हल्का है. इसकी रफ्तार 2220 किलोमीटर प्रतिघंटे की है. इसकी अधिकतम रफ्तार 1.8 मैक है. तेजस की कॉंबेट रेंज 739 किलोमीटर है. इसमें हवा में ही इंधन भरा जा सकता है तो इसकी रेंज को और बढ़ा कर तकरीबन 3000 किलोमीटर हो जाती है. यह एयरक्राफ्ट 50 हजार फिट की उंचाई तक उड़ान भर सकता है. तेजस 5300 किलोग्राम के अलग अलग वेपन को लेकर टेकऑफ ले सकता है.
First Published :
February 07, 2025, 21:01 IST