Agency:News18 Bihar
Last Updated:February 07, 2025, 23:39 IST
Fire Incident: समस्तीपुर के लखन पट्टी गांव में बिजली के शॉर्ट सर्किट से आग लगने से 40 घर जलकर राख हो गए. पीड़ित परिवारों का सब कुछ नष्ट हो गया, अब उनके पास सिर्फ शरीर पर वस्त्र बचे हैं.
घटना स्थल पर पीड़ित
हाइलाइट्स
- समस्तीपुर में आग से 40 घर जलकर राख
- पीड़ित परिवारों का सब कुछ नष्ट
- बिजली के शॉर्ट सर्किट से लगी थी आग
समस्तीपुर. समस्तीपुर जिले के बारिश नगर प्रखंड के लखन पट्टी पंचायत के लखन पट्टी गांव में गुरुवार शाम एक दर्दनाक हादसा हुआ. कुछ ही मिनटों में आग ने 40 घरों की झोपड़ियों को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे सभी परिवार बेघर हो गए. इस घटना में इन परिवारों का सब कुछ जलकर राख हो गया. ये परिवार दिनभर मजदूरी करते थे और रात में किसी तरह खाने का इंतजाम करते थे. उनकी सारी खुशियां और सपने आग की लपटों में तब्दील हो गए.
शरीर और कपड़े के अलावा सब जलकर खाक
इन परिवारों के पास अब सिर्फ शरीर पर वस्त्र बचे हैं. घर का सामान, खाने के बर्तन, अनाज, कपड़े और अन्य जरूरी सामान सब कुछ जलकर राख हो गया. यह दुखद घटना बिजली के शॉर्ट सर्किट से निकली चिंगारी के कारण हुई, जिसने पूरे गांव को अपनी चपेट में ले लिया. इन परिवारों के पास पहले से ही गरीबी और संघर्ष था, और अब उनका सब कुछ छिन गया. अब उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती अपनी जिंदगी को फिर से शुरू करने की है.
क्या कहते हैं पीड़ित
लखन पट्टी गांव के रहने वाले राजाराम पासवान ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान अपनी दर्द भरी कहानी साझा करते हुए कहा, ‘हम सुबह मजदूरी करते हैं और शाम को खाने का इंतजाम करते हैं. पहले से ही स्थिति कठिन थी, लेकिन आग लगने की घटना ने हमें और भी परेशान कर दिया है. घर में रखे ₹50,000 जलकर राख हो गए हैं और घर में अपनी मेहनत से जुटाए गए सभी सामान, जैसे बर्तन, कपड़े इत्यादि भी जलकर खाक हो गए हैं. यह सब हमारे लिए बहुत बड़ी मुश्किल बन गया है.’
दूसरे पीड़ित की दर्द भरी कहानी
गांव की अंजू देवी ने कहा, “मैं घर का कामकाज संभालती हूं, और मेरे पति प्रदेश में मजदूरी करते हैं. वे जो पैसे भेजते हैं, उसी से घर चलाती हूं. मेरे पति ने ₹15,000 भेजे थे, जो मैंने बैंक से निकाल कर घर लाए थे, वह भी जलकर राख हो गया. इसके अलावा, घर में रखे गए सोने-चांदी और कपड़े-लत्ता सब कुछ जलकर खाक हो गया. अब हमारे पास सिर्फ शरीर पर जो वस्त्र हैं, वही बचा है. ‘
गुजारा करना होगा मुश्किल
तीसरे पीड़ित, रामबालक पासवान ने लोकल 18 से बातचीत में अपनी दयनीय स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा, ‘मैं मजदूरी करता हूं और अपने परिवार का पालन करता हूं. अगर कभी मजदूरी से पैसे नहीं होते, तो कर्ज लेकर घर चलता हूं और फिर काम करने के बाद उसे वापस कर देता हूं. यह घटना तब हुई जब बगल के एक घर में बिजली से आग लगी और देखते ही देखते आग ने पूरे मोहल्ले को अपनी चपेट में ले लिया. अब हमारी स्थिति और भी खराब हो गई है.’
Location :
Samastipur,Samastipur,Bihar
First Published :
February 07, 2025, 23:39 IST