Last Updated:January 24, 2025, 18:05 IST
2023 में भारत में सड़क दुर्घटनाओं में 20% मौतें पैदल यात्रियों की थीं। ड्राइवर की लापरवाही और जागरूकता की कमी प्रमुख कारण हैं। ज़ेब्रा क्रॉसिंग और रिफ्लेक्टिव गियर से सुरक्षा बढ़ सकती है।
हर साल सड़कों पर बड़ी संख्या में पैदल यात्रियों की मौत होती है. 2023 में भारत में सभी सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में से लगभग 20% मौतें पैदल यात्रियों की थीं. यदि लोगों को सड़क सुरक्षा से जुड़े दिशानिर्देशों के बारे में पहले से जागरूक किया गया होता, तो इनमें से ज्यादातर दुर्घटनाओं को टाला जा सकता था.
पैदल यात्रियों की सुरक्षा के लिए प्रमुख चुनौतियाँ
सड़क पर चलने वालों में सबसे अधिक असुरक्षित पैदल यात्री होते हैं. पैदल यात्रियों की सुरक्षा के लिए कुछ प्रमुख चुनौतियाँ हैं:
ड्राइवर की लापरवाही
तेज गति से गाड़ी चलाना, ध्यान भटकना और पैदल चलने वालों को रास्ता न देना ये सभी सड़कों पर चलने वाले लोगों की चोटों या मृत्यु के कुछ प्रमुख कारण हैं. पैदल यात्रियों के लिए निर्धारित क्रॉसिंग के अभाव में स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है.
जागरूकता का अभाव
पैदल यात्रियों की सुरक्षा के लिए अकेले ड्राइवर जिम्मेदार नहीं हैं. जायवॉकिंग यानी लापरवाही पूर्वक रास्ता पार करना भी पैदल चलने वालों की चोटों और मौतों का कारण बनता है.
पैदल यात्रियों की सुरक्षा के लिए बुनियादी कदम
1. ज़ेब्रा क्रॉसिंग का प्रयोग करें: ज़ेब्रा क्रॉसिंग और पैदल यात्री पुल आपकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं. जब तक ट्रैफिक सिग्नल हरा न हो जाए तब तक सड़क पार न करें.
2. रिफ्लेक्टिव गियर का उपयोग: विशेष रूप से सुबह, शाम या रात के दौरान हल्के या परावर्तक (रिफ्लेक्टिव) कपड़े पहनने से ड्राइवरों के लिए आपकी दृश्यता काफी बढ़ जाती है, जिससे उनके लिए आपको दूर से देखना बहुत आसान हो जाता है और संभावित रूप से दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है.
3. फोन का प्रयोग न करें: आपका फ़ोन इंतज़ार कर सकता है. सड़क पार करते समय कभी भी संदेश भेजने या संगीत सुनने में अपना ध्यान न भटकाएं. ध्यान भटकने से चोट लग सकती है या मृत्यु भी हो सकती है.
4. सुरक्षित रूप से सड़क पार करें: सुनिश्चित करें कि यदि आपको सड़क पार करनी है तो वाहन पूरी तरह रुक जाए. यह कभी न मानें कि कोई वाहन धीमा हो जाएगा या रुक जाएगा क्योंकि आप उसके आवागमन के रास्ते में हैं.
यातायात नियमों का सख्ती से पालन
क्रॉसिंगों पर ड्राइवरों को पैदल यात्रियों को रास्ता देने और अधिक आवाजाही वाले क्षेत्रों में गति सीमा सुनिश्चित करने से कई लोगों की जान बचाई जा सकती है.
मानसिकता बदलना
पैदल यात्रियों की सुरक्षा केवल बुनियादी ढांचे या नियमों को लागू करने के बारे में नहीं है. यह एक ऐसी संस्कृति बनाने के बारे में भी है जहां ड्राइवर और पैदल यात्री एक-दूसरे का सम्मान करते हैं. सड़क को सुरक्षित रखना ड्राइवरों और पैदल चलने वालों दोनों की समान जिम्मेदारी है.
बदलाव की प्रेरणा देने वाली कहानियां
चंडीगढ़ में अधिकारियों ने ऊंचे क्रॉसिंग, निर्धारित पैदल क्षेत्र और तेज गति से चलने पर सख्त सजा का एक पैदल यात्री-अनुकूल मॉडल पेश किया है. पांच वर्षों में पैदल चलने वालों की मृत्यु में 30% की कमी आई है. इससे केवल यही पता चलता है कि छोटे-छोटे बदलावों से बड़े नतीजे निकल सकते हैं.
जिम्मेदारी में सबकी साझेदारी
हमारी सड़कों को सुरक्षित बनाने में प्रत्येक सड़क यात्री की भूमिका है – चाहे वह पैदल यात्री हो, गाड़ी का ड्राइवर हो या साइकिल चालक हो.
पैदल यात्री सुरक्षा का अर्थ सड़क पर चलने वाले प्रत्येक यात्री के लिए सुरक्षित वातावरण बनाकर सड़क पर सबके जीवन को महत्व देना है. तो अगली बार जब आप बाहर निकलें तो ज़ेब्रा क्रॉसिंग का उपयोग करें, सुरक्षित रूप से चलें, सजग और सतर्क रहें.
Location :
New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
January 24, 2025, 18:05 IST