लखीमपुर खीरी: ठंड का मौसम आते ही किसान आलू की बुवाई में जुट जाते हैं. कम लागत में अधिक मुनाफा वाले इस सब्जी की डिमांड सबसे अधिक होती है. इस फसल से किसानों को अच्छा खासा मुनाफा भी होता है. बाजारों में आलू की डिमांड साल भर रहती है. किसान दाता राम ने जानकारी देते हुए बताया कि वह बीते 5 सालों से लगातार आलू की खेती कर रहे हैं. इस समय वह 1 एकड़ में आलू की खेती कर रहे हैं.
इस मिट्टी में होती है अच्छी पैदावार
आलू की अगेती बुवाई 15 से 25 सितंबर और इसकी पछेती बुवाई के लिए 15-25 अक्टूबर तक का समय सबसे उपयुक्त रहता है.आलू की खेती के लिए लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है. मिट्टी में जैविक पदार्थ की अच्छी मात्रा होनी चाहिए. पानी का निकास अच्छा होना चाहिए. आलू की खेती करने के लिए किसानों को अधिक रुपए की आवश्यकता नहीं होती है.
किसान ने आलू को लेकर बताया
जहां कम लागत में आलू की खेती की जा सकती है. जहां बाजारों में इस समय आलू की 25 रूपए से लेकर 35 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बाजारों में बिक रही है. किसान दाताराम ने जानकारी देते हुए बताया कि एक बीघे में करीब 20 से 25 कुंतल तक आलू पैदा हो जाता है. इसीलिए किसान ने 1 एकड़ में आलू की खेती करना शुरू किया है.
चिप्सोना वैरायटी के आलू की खासियत
किसान दाता राम ने बताया कि वह इस समय चिप्सोना वैरायटी की आलू की खेती कर रहे हैं. क्योंकि बाजारों में चिप्सोना आलू की डिमांड अधिक होती है. इस फसल से उन्हें अच्छा खासा मुनाफा भी होता है. किसान ने बताया कि आलू की खुदाई फरवरी और मार्च के बीच में शुरू होती है और आलू की फसल पूरी तरह से तैयार हो जाती है.
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FIRST PUBLISHED :
November 25, 2024, 14:05 IST