श्री सत्य साईं जिले के कादिरी में श्रीनिवासुलु नामक एक व्यक्ति 20 साल से ओलिगा (एक प्रकार की तेलुगु मिठाई) बेच रहे हैं. वे नारियल ओलिगा, नेति ओलिगा, रवा ओलिगा, सलीपिंडी, कज्जिकायस, अंजीर, सोडा ब्रेड, रागी ब्रेड और सोरघम ब्रेड जैसे विभिन्न प्रकार के ओलिगा बेचते हैं. श्रीनिवासुलु इसे मात्र 20 रुपये में बेचते हैं और उनका कहना है कि हर दिन वे 300 से 500 ओलिगा बेचते हैं. इस हिसाब से, 500 ओलिगा बेचने पर वे लगभग 10,000 रुपये तक कमा लेते हैं. उनके ग्राहक ज्यादातर आसपास के इलाकों से आते हैं, और वे कादिरी की प्रमुख बेकरियों में भी ओलिगा की आपूर्ति करते हैं.
बेकरियों से लेकर आसपास के क्षेत्रों तक फैली ओलिगा की मांग
श्रीनिवासुलु की ओलिगा का व्यापार केवल कादिरी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे आसपास के अन्य मंडलों जैसे दुर्धला, ओडीसी और नल्लामाडा के बेकरियों में भी भेजा जाता है. इसके अलावा, श्रीनिवासुलु ने 20 सालों से अपने व्यवसाय में दस लोगों को रोजगार दिया है, और उनके बेटे ने भी आईआईटी की पढ़ाई की है, और अब वह एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर बड़े कॉर्पोरेट कंपनी में काम कर रहा है.
भविष्य में बड़ा बेकरी उद्योग स्थापित करने की योजना
श्रीनिवासुलु ने लोकल 18 को बताया कि फिलहाल वे एक छोटे से कमरे में ओलिगा बेच रहे हैं, लेकिन भविष्य में वे एक बड़ी बेकरी स्थापित करने और इसे उद्योग के रूप में विकसित करने की सोच रहे हैं. उनका उद्देश्य और भी अधिक लोगों को रोजगार देने का है. जिले में लगभग 300 ओलिगा विनिर्माण दुकानें हैं और इन दुकानों में हजारों लोग दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करते हैं.
ओलिगा की मांग और निर्यात
शादी के सीजन में जिले से प्रतिदिन 80 हजार से लेकर दो लाख ओलिगा हैदराबाद और बेंगलुरू जैसे शहरों में निर्यात किए जाते हैं. अगर ओलिगा को विदेश भेजना हो, तो उन्हें खास तरीके से तैयार किया जाता है ताकि वे एक हफ्ते तक खराब न हों. ओलिगा तेलुगु लोगों की सबसे प्रिय मिठाइयों में से एक मानी जाती है और इसे किसी भी शुभ अवसर या त्योहार पर भेजा जाता है. यहां तक कि विदेशों में भी, जैसे अमेरिका में रहने वाले लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को ओलिगा भेजते हैं.
कुटीर उद्योग के रूप में ओलिगा का महत्व
ओलिगा निर्माण कुटीर उद्योग के रूप में काफी लोकप्रिय हो चुका है और सत्य साईं जिले के कादिरी में यह एक फल-फूलता व्यवसाय बन चुका है. ओलिगा न केवल एक स्वादिष्ट मिठाई है, बल्कि यह जिले की स्थानीय अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है.
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FIRST PUBLISHED :
November 25, 2024, 15:46 IST