दुबई. इजरायल की तरफ से किए गए हवाई हमलों में ईरान को कितना नुकसान पहुंचा है? इसे लेकर कुछ भी साफ नहीं हो सका है. इजरायली सेना (आईडीएफ) ने कहा है कि उसने ईरान के सैन्य ठिकानों और एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाया है, जबकि तेहरान की तरफ से बयान आया है कि आईडीएफ अपने हमले को ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है. लेकिन अब ईरान की उन जगहों की सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई हैं, जहां इजरायल ने मिसाइल दागा था.
बताया जा रहा है कि ईरान की राजधानी के दक्षिण-पूर्व में स्थित उस गुप्त सैन्य अड्डे पर इजरायल के हमले से काफी नुकसान पहुंचा है, जिसे अतीत में विशेषज्ञों ने तेहरान के उस वक्त के परमाणु हथियार कार्यक्रम से संबंधित बताया था. इस हमले में एक अन्य सैन्य अड्डे को नुकसान पहुंचा, जो ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम से जुड़ा था.
समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस (एपी) ने सैटेलाइट से प्राप्त तस्वीरों का रविवार को विश्लेषण किया, जिससे पता चलता है कि ईरान के पारचिन सैन्य अड्डे में स्थित कुछ इमारतों को भी नुकसान उठाना पड़ा है. अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी को संदेह है कि ईरान ने पूर्व में वहां परमाणु हथियार से संबद्ध विस्फोटकों की टेस्टिंग की थी.
ईरान लंबे समय से इस बात पर जोर देता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए), पश्चिमी खुफिया एजेंसियों और अन्य का कहना है कि तेहरान 2003 तक हथियार कार्यक्रम सक्रिय रूप से संचालित कर रहा था. खोजिर सैन्य अड्डे के नजदीक भी इजरायली हमले से तबाही मची है, जिसके बारे में विश्लेषकों का मानना है कि वहां अंडरग्राउंड टनल सिस्टम और मिसाइल निर्माण स्थल है.
ईरान की सेना ने शनिवार सुबह इजरायल के हमले से खोजिर या पारचिन में हुए नुकसान की पुष्टि नहीं की है. हालांकि, उसने कहा है कि हमले में देश की एयर डिफेंस सिस्टम में काम कर रहे चार ईरानी सैनिक मारे गए. संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन ने टिप्पणी किए जाने के अनुरोध पर तुरंत कोई जवाब नहीं दिया. इजरायली सेना ने भी कोई जवाब नहीं दिया है.
हालांकि, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने रविवार को कहा कि इजरायली हमले को “बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बताया जाना चाहिए और न ही कम करके आंका जाना चाहिए.” उन्होंने तुरंत जवाबी हमले का आह्वान किया. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को कहा कि इजरायल के हमलों ने ईरान को “गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया.” यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि इजराइली हमले में कुल कितने स्थलों को निशाना बनाया गया. ईरान की सेना ने अभी तक नुकसान की कोई तस्वीर जारी नहीं की है. ईरानी अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों की पहचान इलम, खुजस्तान और तेहरान प्रांतों के रूप में की है.
शनिवार को इलम प्रांत में ईरान के तांगे बिजार प्राकृतिक गैस उत्पादन स्थल के आसपास प्लैनेट लैब्स पीबीसी की उपग्रह तस्वीरों में जले हुए खेत देखे जा सकते हैं. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये तस्वीरें हमले से संबंधित हैं या नहीं. इलम प्रांत पश्चिमी ईरान में ईरान-इराक सीमा पर स्थित है. सबसे अधिक नुकसान प्लैनेट लैब्स की तस्वीरों में देखा जा सकता है, जो तेहरान शहर से लगभग 40 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में मामालू बांध के पास पारचिन में हुआ है. वहां, एक ढांचा पूरी तरह से नष्ट हो गया, जबकि अन्य ढांचे हमले में क्षतिग्रस्त हुए देखे जा सकते हैं.
तेहरान शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर खोजिर में, उपग्रह तस्वीरों में कम से कम दो ढांचों को हुए नुकसान को देखा जा सकता है. आईएईए का नेतृत्व करने वाले राफेल मारियानो ग्रॉसी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि “ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर कोई असर नहीं पड़ा है.” उन्होंने कहा, “निरीक्षक सुरक्षित हैं और अपना महत्वपूर्ण काम जारी रखे हुए हैं. मैं ऐसी कार्रवाई के दौरान विवेक और संयम बरतने का आह्वान करता हूं, जो परमाणु और अन्य रेडियोधर्मी सामग्रियों की सुरक्षा को खतरे में डाल सकती हैं.”
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FIRST PUBLISHED :
October 27, 2024, 20:05 IST