इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा, इजरायल ने लेबनान में उतारे वो सैनिक जिसने अब तक..

5 days ago 2

तेल अवीव. इजरायल के सैन्य इतिहास में यह पहली बार है कि उसकी महिला कॉम्बैट सैनिकों ने एक ऑपरेशनल मिशन के तहत लेबनान में एंट्री की. उत्तरी कमांड के चीफ मेजर-जनरल ओरी गॉर्डिन ने कुछ हफ्ते पहले ही कॉम्बैट इंटेलिजेंस बटालियन की एक टीम को दक्षिणी लेबनान में तैनात करने की मंजूरी दी थी.

युद्ध की शुरुआत से ही, महिला सैनिकों की कॉम्बैट इंटेलिजेंस टीम को सीरियाई सीमा के पास और माउंट डोव क्षेत्र में तैनात किया गया था. उनके कामों में खुफिया जानकारी जुटाना, आतंकवादी ऑपरेटिव की पहचान करना, टारगेट लिस्ट बनाना, और जमीनी और हवाई बलों से फायर डायरेक्शन करके खतरों को डिएक्टिवेट करना और आतंकवादी ढांचे को ध्वस्त करना शामिल था.

21 साल की कॉर्पोरल तहिला, जो “ईगल” बटालियन की एक सैनिक हैं, ने कई ऑपरेशनों में अपने अनुभव को शेयर किया, जिसमें टेररिस्ट एक्टिविटी से जुड़े व्यक्तियों की पहचान करना शामिल था. महिला सैनिक तहिला ने हंसते हुए ‘द जेरूशलम पोस्ट’ से बातचीत में कहा, “दक्षिणी लेबनान? हम पैदल गए थे. हमने कितना वजन उठाया? बहुत ज्यादा. हमारे शरीर के वजन का लगभग 40%. हम एक लंबे एम्बुश के लिए तैयारी कर रहे थे.”

20 साल की कॉर्पोरल शानीने मिशन की प्लानिंग के बारे में कहा, “हम लगभग 1.5 किलोमीटर लेबनान के अंदर चले गए, एक खेत में अपनी पोजिशन बनाई, खुद को दुश्मनों से छिपाए रखा और ऑब्जर्वेशन टूल्स का इस्तेमाल करके खुफिया जानकारी इकट्ठा करना शुरू किया. ऑपरेशनल रूप से, हम उन क्षेत्रों में गए, जहां इजरायली सेना दूसरे लेबनान युद्ध के बाद से नहीं गई थी.”

सैनिकों ने बताया कि इस मिशन से एंटी-टैंक मिसाइल साइट्स, हिज़्बुल्लाह द्वारा उपयोग की जाने वाली इमारतें, और सटीक टारगेट लोकेशंस पर महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी मिली. कॉर्पोरल शानी ने कहा, “एक मामले में, हमने अपने फोटोग्राफ्स के आधार पर टैंक फायर को गाइड किया. हमारे द्वारा खींची गई तस्वीरों ने सीधे हिज़्बुल्लाह को टारगेट किया, उनके हथियारों को घरों और गांवों के अंदर दिखाया. बाद में, उन टारगेट्स को हेलीकॉप्टरों ने हमला कर तबाह कर दिया.”

दुश्मन की सीमा के पीछे महिला सैनिक
टीम ने शुरू में हिजबुल्लाह समूह की एक्टिविटी वाले एक गांव के पास 24 घंटे से अधिक समय तक दुश्मन के बॉर्डर लाइन के पीछे रहने की प्लानिंग की थी. हालांकि, इलाके में अचानक से आग लग गई, जिससे उन्हें 12 घंटे बाद वहां से निकलना पड़ा. उन्होंने कहा, “घने पेड़-पौधों के बीच से पीछे हटना बेहद चुनौतीपूर्ण था.” मिशन पर सोचते हुए, महिला सैनिकों ने कहा कि उनका ध्यान पूरी तरह से अपनी स्थिति को छिपाने और खुफिया जानकारी इकट्ठा करने पर था. इज़रायल लौटने पर ही उन्होंने अपने ऑपरेशन को पूरी तरह से पूरा किया और राहत की सांस ली.

Tags: Israel, Israel aerial strikes, Israeli Army

FIRST PUBLISHED :

November 18, 2024, 18:51 IST

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article