बागपत में प्रशासनिक अधिकारियों और सचिवों के बीच विवाद ने एक नया मोड़ ले लिया है। खेकड़ा तहसील की एसडीएम ज्योति शर्मा का एक ऑडियो वायरल हो गया है, जिसमें वह कह रही हैं, "मेरे अंदर पुराने डीएम की आत्मा आ गई है, मैं इन सचिवों को नहीं छोडूंगी"। जूम मीटिंग पर सचिवों के न जुड़ने की वजह से एसडीएम ज्योति शर्मा भड़क गईं। उन्होंने DPRO बागपत पर सचिवों को संरक्षण दिए जाने का भी आरोप लगाया।
जानकारी के अनुसार, मंगलवार को जूम मीटिंग के दौरान यह विवाद शुरू हुआ, जब सचिव नहीं जुड़े। इससे नाराज एसडीएम खेकड़ा ने सचिवों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही। वायरल ऑडियो में उन्होंने न सिर्फ सचिवों की आलोचना की, बल्कि उनके खिलाफ एफआईआर कराने तक की बात कही। एसडीएम ने यह भी आरोप लगाया कि डीपीआरओ बागपत सचिवों को संरक्षण दे रहे हैं और उनके खिलाफ भी कदम उठाए जाने चाहिए।
वायरल ऑडियो में एसडीएम ज्योति शर्मा ने साफ कहा, "इन सचिवों को नहीं छोड़ूंगी"। उन्होंने कहा कि सचिव बदतमीज हो गए हैं और अपने कर्तव्यों का पालन सही ढंग से नहीं कर रहे। उनके इस बयान ने प्रशासनिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
वायरल ऑडियो को लेकर सचिवों ने डीएम बागपत आईएएस अस्मिता लाल और सीडीओ से शिकायत की है। उनका कहना है कि मीटिंग के दौरान एसडीएम ने बार-बार अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। सचिवों ने चेतावनी दी है कि यदि एसडीएम ने 28 जनवरी तक माफी नहीं मांगी, तो वे आंदोलन करेंगे। एसडीएम ज्योति शर्मा ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि "पुराने डीएम की आत्मा" वाली बात मजाक में कही गई थी। उन्होंने कहा कि उनका सचिवों से कोई व्यक्तिगत विवाद नहीं है, लेकिन सरकारी कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने दावा किया कि सचिवों की कार्यशैली से डैशबोर्ड पर जिले की स्थिति खराब हो रही है।
बता दें कि ज्योति शर्मा 2020 बैच की पीसीएस अधिकारी हैं। एसडीएम ज्योति शर्मा के पति मनीष यादव भी बागपत में ही तैनात हैं और वर्तमान में बड़ौत तहसील के एसडीएम हैं। दोनों ही अधिकारियों का एक ही जिले में होना प्रशासनिक महकमे में एक रोचक चर्चा का विषय बन गया है। यह मामला अब प्रशासनिक गलियारों में चर्चा का विषय बन चुका है।