मांगी बाई का मंदिर
नागौर:- देवी-देवताओं के चमत्कार को लेकर भक्त अपनी श्रद्धा से हमेशा उन्हें पूजते रहे हैं. नागौर कुचामन जिले के श्यामगढ़ से 3 किलोमीटर दूर स्थित मांगी बाई मंदिर की मान्यता दूर-दूर तक है. यहां भक्त मंदिर में आकर माता से मन्नत मांगते हैं. इस मंदिर पर त्वचा के रोगी बड़ी संख्या में आते हैं, क्योंकि यहां आकर मन्नत मांगने से त्वचा रोग ठीक हो जाते हैं.
शामगढ़ से 3 किलोमीटर दूर खेतों में बने इस मंदिर में भव्य और आकर्षक मांगी बाई की मूर्ति स्थित है. पुजारी सुबह-शाम इस मंदिर में पूजा करते हैं. यहां मंदिर के एक हिस्से में बड़ा भवन बना हुआ है, वहीं दूसरे हिस्से में पानी की टंकी भी बनी है. भक्त बताते हैं कि यहां रात्रि कालीन जागरण भी किया जाता है. यहां पूर्व विधायक ने अपने कोष से एक बरामदा मय भवन भी बनाया है.
कौन थी मांगी बाई
भक्त Local 18 को बताते हैं कि मांगी बाई बचपन से ही ईश्वर भक्ति में लीन रहती थी. शादी होने के बाद में भी मांगी बाई का मन ईश्वर भक्ति में ही लीन रहता था. अपने पति की अचानक मौत होने के बाद मांगी बाई ने भी उनके साथ ही अपने प्राण त्याग दिए. तब से लेकर आज तक मांगी भाई को महा सती के रूप में पूजते रहे हैं. रियासत काल में श्यामगढ़ के ठाकुर ने यहां पीने के पानी की व्यवस्था भी करवाई थी. लोगों की मान्यता है कि मांगी बाई ने गांव के आसपास के लोगों को कई चमत्कार भी दिखाया है. होली के 3 दिन बाद यहां बड़ा मेला लगता है, जहां दूर-दराज से भक्त आते हैं.
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त्वचा रोगों का होता है होता है इलाज
भक्त मुकेश कुमार लोकल 18 को आगे बताते हैं कि मांगी बाई के मंदिर में दाद, खाज, खुजली में मसा के रोगी यहां अगर सात झाडू व सात बैंगन माता के मंदिर में अर्पित करता है, तो त्वचा रोग ठीक हो जाते हैं. यहां बड़ी संख्या में किसान भी आते हैं और पशुओं के इलाज के लिए भभूत ले जाते हैं. भक्त बताते हैं कि मांग बाई के मंदिर पर नारियल व अनाज के दाने भी अर्पित किए जाते हैं और भक्त की हर मनोकामना पूर्ण होती है.
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FIRST PUBLISHED :
November 24, 2024, 14:51 IST
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