ऋषिकेश के महादेव मंदिर की तर्ज पर बना नीलकंठ मंदिर.
बरेली: शिव की नगरी बरेली को नाथ नगर भी कहा जाता है. ये जगह महादेव की पूजनीय नगरी के नाम से भी जानी जाती है. यहां भोलेनाथ के कई अलौकिक मंदिर हैं. इनमें से कुछ की बहुत अधिक मान्यता है. ऐसा ही मंदिर बरेली के सुरेश शर्मा नगर में है. ये नीलकंठ बाबा का मंदिर है. जिसकी मान्यता है कि यहां लोगों को संतान प्राप्ति होती है और गृह क्लेश भी खत्म होता है. इसके अलावा भी सच्चे दिल से की गईं सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. यह मन्दिर भक्तों के दर्शन के लिए सुबह 5:00 से लेकर 12:00 तक खुला रहता है. हांलाकि यहां भक्त कभी भी भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने आ सकते है. बरेली का नीलकंठ मंदिर हरिद्वार ऋषिकेश के पास बने नीलकंठ महादेव मंदिर की तर्ज पर बना है.
सालों पुराना है ये मंदिर
यह मंदिर 1987 में बना था और इसे बने 30 साल हो गए हैं. यहां का बरगद का पेड़ भक्तों के लिए मन्नत का धागा बांधने के काम आता है. इस मंदिर में माता पूर्णागिरि की मूर्ति, शिवलिंग और शिव परिवार के साथ–साथ शनिदेव की मूर्ति भी स्थापित है. अब प्रयास किया जा रहा है कि यहां गणेश जी की मूर्ति के साथ राधा कृष्ण की मूर्ति भी स्थापित हो.
सच्चे मन से लगाई अर्जी, जरूर होती है पूरी
मंदिर के पंडित वैभव शंखधर ने लोकल 18 से खास बातचीत में बताया की नीलकंठ बाबा का यह मंदिर काफी प्राचीन है. इसकी मान्यता यह है कि जो भक्त सच्चे मन से अपनी अर्जी लगता है, भगवान भोलेनाथ उसकी मनोकामना जरूर पूरी करते हैं. इसके अलावा उन्होंने बताया कि नाथ नगरी बरेली में होने के कारण इस मंदिर का नाम नीलकंठ मंदिर पड़ा. यह मंदिर ऋषिकेश से 22 किलोमीटर दूर नीलकंठ महादेव के मंदिर की तर्ज पर बरेली में बनाया गया है.
क्या है इस मंदिर की मान्यता
इस मन्दिर की मान्यता ये है जिन दंपत्ति को संतान न हो रही हो और जिनके घर में क्लेश रहता हो, वे इस मंदिर में अर्जी लगा सकते हैं. इससे उनकी सारी समस्याएं दूर होती हैं. इसके अलावा भी जो भक्त सच्चे मन से अपनी अर्जी लगता है, भगवान भोलेनाथ उसकी कामना पूरी करते हैं. भोले बाबा अपने भक्तों को सभी कष्टों से उबारते हैं. यहां मौजूद भक्तों ने भी बताया कि वे सालों से यहां आ रहे हैं और बाबा हर बार उनकी सभी इच्छाएं पूरी करते हैं.
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FIRST PUBLISHED :
October 11, 2024, 16:34 IST