शाहजहांपुर : धान की फसल के बाद किसान शरदकालीन गन्ने की बुवाई करते हैं. अक्टूबर के महीने में गन्ने की फसल उगाने से किसानों को अच्छा उत्पादन मिलता है. जबकि चीनी मिल भी अक्टूबर के महीने में उगाए हुए गन्ने को खरीदना बेहद पसंद करती हैं. अक्टूबर के महीने में उगाए हुए गन्ने में किसान सहफसली भी कर सकते हैं.गौरतलब है कि शरदकालीन गन्ने की बुवाई का समय सितंबर के अंतिम सप्ताह से लेकर अक्टूबर तक होता है. शरदकालीन गन्ने का औसत उत्पादन लगभग 20 फीसदी अधिक होता है, इसलिए किसानों को अक्टूबर में गन्ने की बुवाई कर लेनी चाहिए.
उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान के प्रसार अधिकारी संजीव कुमार पाठक ने लोकल 18 को बताया कि शरदकालीन गन्ने की बुवाई बसंतकालीन गन्ने के मुकाबले बेहद अच्छी रहती है. किसानों को अच्छा जमाव मिलता है. इसके अलावा उत्पादन भी ज्यादा मिलता है. इतना ही नहीं शरदकालीन गन्ने में बसंत कालीन गन्ने के मुकाबले बेहद कम लागत लगानी पड़ती है. जरूरी है कि किसान सही समय पर सही विधि से गन्ने की बुवाई कर दें.
15 से 20 प्रतिशत होगा ज्यादा उत्पादन
संजीव कुमार पाठक ने बताया कि अक्टूबर के महीने में की गई बुवाई में किसानों को 15 से 20% उत्पादन ज्यादा मिलता है. शरदकालीन गन्ने को पकने के लिए अधिक समय मिलता है. जब बसंतकालीन गन्ने में जब तक जमाव होता है. तब तक शरद काल में बोए हुए गन्ने में जमाव के बाद कल्ले भी निकलने लगते हैं. अक्टूबर के महीने में बोया हुआ गन्ना 15 फरवरी के बाद जैसे ही तापमान में बढ़ोतरी होती है. तेजी के साथ कल्ले निकलने लगते हैं.
चीनी मिलों को फायदा
संजीव कुमार पाठक ने बताया कि अक्टूबर में बोई हुई गन्ने की फसल को पर्याप्त समय मिल जाता है. संजीव कुमार पाठक ने बताया कि शरदकालीन गन्ने की बुवाई से चीनी मिलों को भी फायदा होता है. 0.5 इकाई चीनी परता भी ज्यादा मिलता है. साथ ही शरद काल में बोए हुए गन्ने में सहफसली उगाकर किसान अतिरिक्त आमदनी ले सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED :
October 11, 2024, 18:42 IST