पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेले गए भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 के पहले मुकाबले को लेकर किसी ने भी ये उम्मीद नहीं जताई थी कि मेजबान ऑस्ट्रेलियाई टीम को ऐसी शर्मनाक हार का सामना करना पड़ेगा। इस मैच में टीम इंडिया ने जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में खेलते हुए मुकाबले को ना सिर्फ 4 दिनों के अंदर ही खत्म कर दिया बल्कि उसे 295 रनों से अपने नाम भी किया। इस मैच में टीम इंडिया के गेंदबाजों के बेहतरीन प्रदर्शन का अंदाजा इसी बात से समझा जा सकता है कि पहली पारी में जहां ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अपने 4 विकेट 31 के स्कोर तक गंवा दिए थे तो वहीं दूसरी पारी में उन्होंने सिर्फ 17 के स्कोर तक अपने पहले 4 विकेट गंवा दिए थे, इसी के साथ ऑस्ट्रेलिया ने अपने टेस्ट क्रिकेट के 177 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा शर्मनाक दिन देखा जो इस मुकाबले से पहले कभी देखने को नहीं मिला था।
177 साल में ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा
ऑस्ट्रेलियाई टीम की पर्थ टेस्ट मैच में हार का सबसे बड़ा कारण उनके टॉप-4 बल्लेबाजों का बिल्कुल भी योगदान ना देना था। पहली पारी में टीम की बल्लेबाजी को लेकर बात की जाए तो उसमें उस्मान ख्वाजा, मैक्सविनी, लाबुशेन और स्मिथ मिलकर सिर्फ 18 रन ही जोड़ने में कामयाब हो सके। वहीं इसके बाद दूसरी पारी में कंगारू टीम के टॉप-4 बल्लेबाजों में ख्वाजा, मैक्सविनी, लाबुशेन और कमिंस ने मिलकर सिर्फ 9 रन ही बनाए। इस तरह से ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में पहली बार ऐसा देखने को मिला है जब टीम के टॉप-4 बल्लेबाज दोनों पारियों में मिलकर सिर्फ 29 रन ही बनाने में कामयाब हो सके।
भारत की घर से बाहर आई रनों के अंतर से दूसरी सबसे बड़ी जीत
टीम इंडिया ने ना सिर्फ पर्थ टेस्ट मैच को 4 दिनों में अपने नाम किया बल्कि उन सभी क्रिकेट पंडितों को भी गलत साबित किया जो इस मुकाबले से पहले भारतीय टीम की हार की भविष्यवाणी कर रहे थे। भारतीय टीम ने ना सिर्फ 295 रनों से इस मुकाबले को अपने नाम किया बल्कि घर से बाहर ये उनकी दूसरी सबसे बड़ी जीत रनों के अंतर से है। टीम इंडिया ने साल 2019 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 318 रनों से टेस्ट मैच जीता था, जिसके बाद अब लिस्ट में दूसरे नंबर पर पर्थ में आई ये टेस्ट जीत है।
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