इस सब्जी से किसान बन जाएंगे अमीर आदमी, सालाना होगी 8 लाख की आमदनी

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कल्लू

कल्लू किसान के खेत मे फूलगोभी के पौधें!

बहराइच: यूपी के बहराइच में रहने वाले किसान कल्लू पिछले 10 सालों से फूल गोभी की खेती करते आ रहे हैं. फूल गोभी की खेती में कल्लू को महारत हासिल हो चुकी है. यह फूल गोभी की खेती 2 हेक्टेयर खेत में करते हैं और खास बात यह है कि इस खेत में एक साल में 2 बार गोभी को उगाते हैं, जिससे इनको मोटा मुनाफा होता है.

जानें कैसे होता है मुनाफा
किसान कल्लू ने बताया कि शुरुआती दौर में जब यह गोभी की खेती किया करते थे, तो इनको कुछ खास अच्छा मुनाफा नहीं हो रहा था, फिर कल्लू की मुलाकात बहराइच कृषि विज्ञान केंद्र के डॉक्टर से हुई. जिन डॉक्टरों से कल्लू ने गोभी की खेती को लेकर बातचीत की. कल्लू ने बताया कि गोभी तो अच्छी होती थी, लेकिन जब इनको मंडी में सब्जी व्यापारियों के हाथ बिक्री की बात आती थी ,तो कुछ अच्छी कीमत नहीं मिला करती थी.

किसान ने बताया कि इसके बाद उन्हें कृषि वैज्ञानिकों ने एक सुझाव दिया. सुझाव में उन्हें बताया गया कि गोभी की खेती में अगर अच्छा मुनाफा कमाना हो तो, गोभी को सीजन से पहले तैयार करना होता है. दूसरा तरीका यह था कि सीजन खत्म होने के बाद इन दो समयों पर गोभियों की मांग अधिक रहती है. इसलिए मुनाफा भी अच्छा होता है. इसके साथ ही गोभी के बीज का भी सही चुनाव करना अधिक जरूरी होता है.

कितनी लागत कितना मुनाफा?
किसान कल्लू ने बताया कि 2 हेक्टेयर में इनकी लागत लगभग 3 लाख रुपए तक की लगती है. अगर शुद्ध मुनाफे की बात की जाए तो, लगभग 4 लाख रुपए का मुनाफा होता है. इस तरह कल्लू गोभी को अपने खेत में दो बार उगाते हैं. इस तरह मुनाफा भी डबल हो जाता है. इस तरह गोभी की खेती से हर साल वह 8 लाख रुपए का मुनाफा कमा लेते हैं.

जानें फूल गोभी के लिए उत्तम बीज
वैसे मार्केट में फूल गोभी की बहुत सारी बीजों की वैरायटी मिल जाएगी,लेकिन बहराइच के कल्लू जिस बीज से गोभी का काम कर रहे हैं. उस बीज का नाम सौबर अग्रिम है, जो बीज कल्लू को बहराइच कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा प्रदान की गई है.

गोभी की खेती में रखें यह सावधानियां
गोभी की खेती में निम्न बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है. जैसे कि खेतों में जल भराव जैसी स्थिति उत्पन्न न हो, खरपतवार को भी समय-समय पर निकाला जाए. गोभी के पौधे लगाते समय पौधों से पौधों के बीच की दूरी 18 इंच से कम नहीं होनी चाहिए.

इसके साथ ही पानी के लिए खेत में नाली बनी होनी चाहिए और निकासी के लिए भी नाली होनी चाहिए.  जहां समय-समय पर खाद पानी गोभी को देते रहना चाहिए. अगर किसी कारण कुछ पेड़ सूख गए हों तो, उनको तत्काल खेत से बाहर हटा देना चाहिए, जिससे उसका प्रभाव दूसरे हरे पौधे पर ना पड़े.

Tags: Agriculture, Bahraich news, Local18, UP news

FIRST PUBLISHED :

October 4, 2024, 08:49 IST

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