उत्तराखंड की पहाड़ी टोपी
देहरादून: उत्तराखंड के परंपरागत परिधान आज सिर्फ पहाड़ के गांवों तक सीमित नहीं हैं बल्कि ये अब शहरों से लेकर दूसरे राज्यों और दूसरे देशों तक पहुंच रहें हैं. देहरादून के विनोद असवाल पिछले 5 सालों से गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी टोपियां बना रहें हैं. इन्हें केवल बुजुर्ग ही नहीं बल्कि युवा भी खूब पसंद कर रहे हैं. विनोद असवाल बताते हैं कि उनकी बनाई गई टोपियां अमेरिका भी प्रवासी उत्तराखंडियों के जरिये जा रही हैं. इनकी कीमत 150 रुपये से शुरू होती है.
विरासत को आगे बढ़ने का किया काम
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के रहने वाले उद्यमी विनोद असवाल ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए बताया कि उत्तराखंड के पहाड़ों पर रहने वाले लोग अपनी संस्कृति और विरासत को कायम रखना चाहते हैं. उन्होंने अपने पूर्वजों के सिर की शोभा बनी इन टोपियों को देखा था. वहीं आज की जनरेशन इन चीजों से दूर हो रही थी इसलिए वे कुछ ऐसा करना चाहते थे जिससे पहाड़ों की वेशभूषा की पहचान और शान ये टोपियां लोगों तक पहुंचें. इसलिए उन्होंने पहले खुद इन्हें तैयार करना शुरू किया और इसके बाद उन्होंने स्तुति इंटरप्राइजेज के नाम से समूह बनाकर महिलाओं को इसकी जिम्मेदारी सौंप दी.
सम्मान का भी प्रतीक
विनोद आगे कहते हैं कि जब भी कोई उत्तराखंड घूमने के लिए आता है तो उस मेहमान का आतिथ्य सत्कार टोपी पहनाकर सबसे पहले किया जाता है क्योंकि यह बहुत बड़े सम्मान की बात होती है. इसलिए जब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड आते हैं वे पहाड़ की टोपियां पहने जरूर नजर आते हैं. उन्हें और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सिर पर हमेशा रहने वाली टोपी को देखकर अब हर कोई पहाड़ी टोपी पहनने का शौक रखता है.
पहाड़ी परिधान से लेकर वेस्टर्न ड्रेस जैसे पेंट-कोट के ऊपर भी पहाड़ी टोपी पहने युवा नजर आते हैं. सांस्कृतिक कार्यक्रमों से लेकर शादी विवाह तक में गढ़वाली, कुमाऊनी और जौनसारी टोपी में युवा सजे- धजे घूमते हैं. यहां कई तरह के डिजाइन और रंगों की टोपियां तैयार होती हैं. विक्रेता बड़ी प्रदर्शनियों और मेलों में इन टोपियों को बेचते हैं. न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि दिल्ली, हरियाणा और नोएडा में भी मेलों में ये टोपियां पहुंचाई गई हैं.
विदेश तक में पहुंच रही हैं उत्तराखंड की टोपियां
विनोद बतातें हैं कि उनके कई एनआरआई कस्टमर उनसे बल्क आर्डर करके टोपियां में मंगवाते हैं. उनकी टोपियां लंदन और अमेरिका तक गई हैं. यूएस में रहने वाले उत्तराखंड प्रवासी के घर पर शादी थी तो उन्होंने 40 से 50 टोपियां खरीदी थी ताकि वे यूएस में उनके बेटे की शादी में अपने मेहमानों का स्वागत टोपी पहनाकर कर सकें. इस तरह पहाड़ की टोपी देश ही नहीं विदेश में भी पसंद की जा रही है. आप भी उनसे किसी भी तरह की टोपियां बनवा सकते हैं. उनके पास जो टोपियां हैं उनकी कीमत 150 रुपये से शुरू होती है.
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FIRST PUBLISHED :
November 22, 2024, 14:16 IST