झुंझुनूं में युवक को मृत घोषित कर भेजा गया था दाह संस्कार के लिए, मचा हड़कंप

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ग्राउंड रिपोर्ट: युवक पहले चिता पर जिंदा हुआ, श्मशान से लौटने के बाद 12 घंटे चली

रविंद्र कुमार/ झुंझुनूं: जिले में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जिसमें पोस्टमार्टम के बाद दाह संस्कार के लिए ले जाए गए एक युवक की सांसें श्मशान घाट में वापस चलने लगीं. युवक को तुरंत अस्पताल लाया गया, जहां 12 घंटे तक उसकी सांसें चलती रहीं. बाद में जयपुर के एसएमएस अस्पताल में इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया. यह घटना बगड़ के एमआर होम्स शेल्टर से जुड़ी है, जहां मूक-बधिर और अनाथ युवक रोहिताश रहता था.

कैसे हुई घटना?
शेल्टर होम के सचिव बनवारी सैनी ने बताया कि रोहिताश को बगड़ पुलिस ने शेल्टर होम में छोड़ा था. युवक बोलने और सुनने में अक्षम था और उसकी देखभाल पूरी तरह से केयरटेकरों द्वारा की जाती थी.

21 नवंबर को, अचानक युवक बेहोश हो गया, जिसे झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी की गई.

पोस्टमार्टम के बाद जब शव को श्मशान ले जाया गया, तो वहां मौजूद लोगों ने महसूस किया कि युवक की आंखें हलचल कर रही हैं. तुरंत उसे अस्पताल वापस लाया गया और बाद में जयपुर रेफर किया गया. जयपुर में पहुंचने पर युवक ने दम तोड़ दिया.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवाल
इस घटना ने झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
1. क्या पोस्टमार्टम हुआ था? अगर युवक जीवित था, तो पोस्टमार्टम कैसे किया गया?
2. कैसे तैयार हुई रिपोर्ट? बीडीके अस्पताल में डॉक्टर नवनीत ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार की, जिसमें युवक की मौत का कारण फेफड़े फेल होना, सीओपीडी या टीबी बताया गया. यह भी बताया जा रहा है, डॉक्टर नवनीत की रिपोर्ट में उनके हस्ताक्षर और मेडिकल जूरिस्ट की सील भी लगी थी.

तीन डॉक्टर सस्पेंड
घटना की गंभीरता को देखते हुए जिला कलेक्टर रामावतार मीना ने झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल के तीन डॉक्टरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया:

1. डॉ. योगेश जाखड़
2. डॉ. नवनीत मील (मेडिकल जूरिस्ट)
3. डॉ. संदीप पचार (पीएमओ)

निलंबन के दौरान मुख्यालय:
– डॉ. संदीप पचार: जैसलमेर (सीएमएचओ)
– डॉ. योगेश जाखड़: बाड़मेर (सीएमएचओ)
– डॉ. नवनीत मील: जालौर (सीएमएचओ)

प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस घटना ने प्रशासन को झकझोर दिया है. न केवल अस्पताल की लापरवाही उजागर हुई, बल्कि यह भी सवाल उठा कि जीवित व्यक्ति को मृत घोषित करने की लापरवाही से किस तरह मरीजों की जान खतरे में पड़ सकती है. अभी इस मामले की जांच जारी है, और संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा गया है.

Tags: Ground Report, Jhunjhunu news, Local18, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED :

November 22, 2024, 19:52 IST

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