उत्तराखंड ने पूरा किया था रतन टाटा का सपना, खुद देने आए थे 'नैनो' की चाबी

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ऊधम सिंह नगर. देश के मशहूर उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) का बुधवार को निधन हो गया. मुंबई के अस्पताल में उन्होंने बीती रात अंतिम सांस ली. वह 86 साल के थे. टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा के निधन से देश में शोक की लहर है. रतन टाटा का दुनिया से जाना भारत के लिए बड़ी क्षति है. राष्ट्रपति और पीएम नरेंद्र मोदी समेत कई दिग्गजों ने उनके निधन पर शोक जताया है. रतन टाटा कई दिनों से बीमार थे. वह दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थे. वह बेहद ही दरियादिल इंसान थे. रतन टाटा दूरदर्शी थे. लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाने के उनके मन में नए-नए विचार आते थे. ऐसा ही एक विचार था एक ऐसी कार बनाने का, जो हर मध्यमवर्गीय परिवार के पास हो. इसका नाम उन्होंने नैनो रखा था. रतन टाटा की नैनो कार से उत्तराखंड की भी यादें जुड़ी हुई हैं.

रतन टाटा के नैनो कार के सपने को पूरा करने में उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर जिले के सिडकुल पंतनगर में टाटा के प्लांट की सबसे अहम भूमिका थी. विपरीत परिस्थितियों के बावजूद प्लांट ने न सिर्फ टाटा के भरोसे को कायम रखा बल्कि तय समय में लखटकिया कार का निर्माण भी कर दिखाया. बाइक पर चलने वालों को सस्ती कार का सपना दिखाकर उसे पूरा करने वाले रतन टाटा ने नैनो कार के वादे को समय से पूरा करने में पूरी ताकत झोंक दी थी.

यहां बनी थी देश की पहली लखटकिया कार
ऊधम सिंह नगर के सिडकुल पंतनगर प्लांट में देश की पहली लखटकिया कार का उत्पादन भी रतन टाटा की दूरदर्शिता का परिणाम था. पश्चिम बंगाल के सिंगूर में विवाद के बाद रतन टाटा ने कंपनी के दूसरे प्लांट के बजाय पंतनगर प्लांट को न सिर्फ चुना बल्कि वह खुद भी कार के उत्पादन से जुड़े प्लांट में पहुंचे थे. इसी प्लांट में नैनो कार का सफल उत्पादन किया गया था.

खुद दी थी पहली नैनो कार की चाबी
टाटा कंपनी का पंतनगर प्लांट तब चर्चा में आया, जब सिंगूर में नैनो प्लांट का काम अक्टूबर 2008 में रोकना पड़ा था. लोगों को लखटकिया कार मुहैया कराने का वादा पूरा करने के लिए रतन टाटा ने तब कंपनी के मिनी ट्रक बनाने वाले पंतनगर प्लांट में नैनो कार का उत्पादन शुरू करने का फैसला किया था. 16 अप्रैल 2009 को रतन टाटा विशेष विमान से पंतनगर प्लांट आए थे. ट्रक बनाने वाले प्लांट में रतन टाटा के भरोसे पर नैनो कार का सफल उत्पादन किया गया. इसी प्लांट से बनाकर तैयार हुई पहली नैनो कार के मालिक अशोक विचारे को उन्होंने जुलाई 2009 में अपने हाथों से चाबी सौंपी थी. हालांकि बाद में साल 2010 में गुजरात के सानंद में टाटा के प्लांट में नैनो कार का उत्पादन हुआ.

Tags: Local18, Ratan tata, Uttarakhand news

FIRST PUBLISHED :

October 10, 2024, 11:32 IST

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