कृषि विश्वविद्यालय
कानपुर: अब देश और दुनिया में मिलेट्स को लेकर लोग जागरूक हुए हैं. मिलेट्स का इस्तेमाल भी बढ़ गया है, जिसके बाद अब तरह-तरह के मिलेट्स उगने लगे हैं, जिसके बाद अब मिलेट्स की खास प्रजातियां भी कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा तैयार की जा रही हैं. कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा जौ की एक खास प्रजाति विकसित की गई है. इस प्रजाति को आजाद 34 नाम दिया गया है, जानिए क्यों खास है यह प्रजाति और किसानों के लिए कैसे होगी उपयोगी.
बंजर भूमि में भी होगी बंपर पैदावार
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा तैयार की गई आजाद 34 एक ऐसी वैरायटी है, जो बंजर भूमि में भी बंपर पैदावार देगी. यह बंजर भूमि को भी उपजाऊ भूमि बनाने में कारगर साबित होगी. इसके साथ ही पोषण तत्वों की बात की जाए, तो यह बेहद पोएटिक भी है. जिससे यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद साबित होगी. इसमें डाटा ग्लूकोज की मात्रा भी बेहद संतोषजनक है और इसका ग्लिसमिक इंडेक्स की मात्रा भी बहुत कम है. इसलिए यह स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद होगी.
जानें आजाद 34 की खासियत
कृषि विश्वविद्यालय द्वारा तैयार की गई जौ की नई वैरायटी आजाद 34 की बात की जाए तो यह उत्पादन में बेहद अच्छी है. ऊसर भूमि पर 37 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की पैदावार इस प्रजाति की देखने को मिली है. वहीं, सामान जमीनों की बात की जाए तो इसका उत्पादन 62 कुंतल प्रति हेक्टेयर तक है, जो किसानों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा. अभी किसी भी वैरायटी में इतना उत्पादन सामान भूमि पर आमतौर पर देखने को नहीं मिलता है. इससे किसानों की आमदनी भी बेहद बढ़ेगी.
2 सालों में किसानों को मिल सकेंगे बीज
कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के डॉक्टर विजय यादव ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा तैयार की गई आजाद 34 के बीज भी किसानों को जल्द से जल्द उपलब्ध कराने की तैयारी चल रही है. एक से डेढ़ साल के अंदर वह किसानों के लिए बीज का उत्पादन पर्याप्त मात्रा में कर लेंगे. इसके बाद किसानों को इसके बीज उपलब्ध कराए जाएंगे.
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FIRST PUBLISHED :
October 10, 2024, 13:31 IST