किसान इस किस्म के मटर की करें खेती, कम समय में होगी बंपर पैदावार, बन जाएंगे मालामाल
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किसान इस किस्म के मटर की करें खेती, कम समय में होगी बंपर पैदावार, बन जाएंगे मालामाल
संजय यादव/ बाराबंकी: वैसे तो देश में कई तरह की फसलों की खेती होती है. कुछ फसलों से किसान अच्छा खासा मुनाफा भी कमाते हैं. वहीं मटर एक ऐसी सब्जी है, जो पोषक तत्वों से भी भरपूर होती है. मटर की खेती से कम समय में अधिक पैदावार मिलती है और यह भूमि की उर्वरा शक्ति को भी बढ़ाती है. मटर की पंत मटर 484 किस्म किसानों के लिए एक वरदान साबित हो सकती है. बेहद कम दिनों में तैयार होने वाली यह किस्म न केवल समय की बचत करती है, बल्कि कई रोगों से भी मुक्त होती है. इससे किसानों को फसल नुकसान से बचने में मदद मिलेगी और उनकी आय में वृद्धि होगी.
वहीं कृषि उपनिदेशक श्रवण कुमार ने लोकल 18 से बातचीत मे बताया कि मटर की पंत मटर 484 एक ऐसी किस्म है, जिसकी किसान अगेती खेती करके अच्छी उपज ले सकते हैं. यह अन्य किस्मों की तुलना में बहुत जल्दी तैयार हो जाती है. यह किस्म चूर्ण फफूंद और फली छेदक जैसे आम मटर के रोगों से प्रतिरोधी है. यह किस्म प्रति हेक्टेयर 23 क्विंटल तक पैदावार देती है. इस किस्म में अधिक प्रोटीन होता है, जो इसे एक पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य बनाती है. यह किस्म सूखे की स्थिति में भी अच्छी पैदावार दे सकती है, जो इसे वर्षा आधारित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त बनाती है. इसकी उच्च गुणवत्ता और अच्छी पैदावार के कारण इसकी बाजार में अच्छी मांग है.
मटर की खेती दोमट और बलुई मिट्टी की खेती के लिए सबसे उपयुक्त होती है. इनमें पानी की निकासी अच्छी होती है और हवा का संचार भी बेहतर होता है. वहीं मटर की खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 6-7.5 के बीच होना चाहिए. अगर मिट्टी अम्लीय है, तो उसमें चूना मिलाकर पीएच मान को बढ़ाया जा सकता है. बुवाई से पहले खेत को गहरी जुताई करनी चाहिए. इससे मिट्टी भुरभुरी हो जाती है और जड़ों का विकास अच्छे से होता है. अगर मिट्टी में दीमक, तना मक्खी और लीफ माइनर जैसी कीटों का प्रकोप है, तो फोरेट 10 जी का छिड़काव करना लाभदायक होता है. इससे फसल को कीटों से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है.
Tags: Hindi news, Local18
FIRST PUBLISHED :
October 10, 2024, 15:48 IST