Explainer- रतन टाटा हर भारतीय के मन में बसते हैं. उनका अपना यूनीक फैशन स्टाइल था, लेकिन उन्होंने मिडिल क्लास फैमिली को ...अधिक पढ़ें
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- Last Updated : October 10, 2024, 17:26 IST
देश के सबसे बड़े और दरियादिल बिजनेसमैन रतन नवल टाटा ने 9 अक्टूबर को अंतिम सांस ली. वह 86 साल के थे. रतन टाटा की कंपनी ‘टाटा’ देश का नमक बना, ‘टाटा’ देश का ट्रक बना तो ‘टाटा’ देश की पावर बना. ‘टाटा’ की चाय ने हर भारतीयों से कहा-‘जागो रे’. टाटा ग्रुप ने खुद अपने एक विज्ञापन में कहा- ‘इंडिया नाम है मेरे परिवार का, ‘टाटा’ कोशिश जिम्मेदारी निभाने की. रतन टाटा ने हर भारतीय को अपना परिवार माना। उनकी सादगी तो दिल जीत ही लेती थी लेकिन उनकी सोच भी सबको अपना मुरीद बना लेती थी. उनका कहना था ‘अगर आप तेज चलना चाहते हैं तो अकेले चलिए लेकिन अगर दूर तक जाना चाहते हैं तो साथ-साथ चलें’. रतन टाटा हर भारतीय के साथ साथ-साथ चले और लोगों की जरूरतों के हिसाब से उन्हें सहूलियत दी. टाटा ने कभी अमीर-मिडिल क्लास और गरीबों में अंतर नहीं किया और हर तबके के लिए प्रोडक्ट बनाए. इसी सोच के साथ टाटा ने फैशन रिटेल में एंट्री ली और फैशन को बजट फ्रेंडली बनाया. रतन टाटा का खुद अपना फैशन स्टाइल सबसे हटकर था.
रतन टाटा की टी-शर्ट हर ड्रेसिंग स्टाइल का हिस्सा
रतन टाटा खुद सादगी से रहते थे लेकिन उनका फैशन स्टाइल अपने आप में यूनीक था. वह अधिकतर हल्के रंग की शर्ट और बेज या खाकी ट्राउजर पहनते थे. वह कभी-कभी शर्ट की स्लीव्स को ऊपर की तरफ फोल्ड भी कर लेते थे. आम आदमी की तरह जींस भी पहनते थे. उनके हर ड्रेसिंग स्टाइल में एक चीज कॉमन थी जो उन्हें यूनीक बनाती थी. वह थी वाइट टी-शर्ट. वह अपनी हर शर्ट के नीचे वाइट टी-शर्ट जरूर पहनते थे. लिनन उनका फेवरेट फैब्रिक था.
सूट पर हमेशा पहनी वाइट शर्ट
रतन टाटा का यूं तो पसंदीदा रंग लाल था लेकिन वह हर खास मौके पर सफेद रंग की शर्ट पहने में दिखते थे. खासकर ऑफिस और कॉर्पोरेट इवेंट्स में वह डार्क कलर के सूट के साथ वाइट शर्ट ही पहनते थे. फैशन डिजाइनर भावना जिंदल कहती हैं कि सफेद शर्ट प्रोफेशनलिज्म और इनोवेशन को दिखाती है. रतन टाटा प्रोफेशनल भी थे और हमेशा कुछ नया करके दिखाते थे. यह रंग प्योरिटी यानी शुद्धता को भी दिखाता है. रतन टाटा का दिल कितना साफ था, यह हर कोई जानता है. सफेद रंग हल्का रंग है जो प्रोडक्टिविटी और परफॉर्मेंस को बढ़ाने में मदद करता है. यह रंग इमोशंस को कंट्रोल कर फोकस को बढ़ाता है.
टाटा ग्रुप की कई फैशन कंपनी हैं (Image-Canva)
हर तबके के भारतीय बने फैशनेबल
टाटा ग्रुप ने 1998 में ‘वेस्टसाइड’ नाम के रिटेल स्टोर की शुरुआत की. इस फैशन रिटेल स्टोर से आम लोगों को लग्जरी फैशन और स्टाइलिश ड्रेसेज पहनने मौका मिला. सबसे पहला स्टोर मुंबई में खोला गया था लेकिन आज वेस्टसाइड के देशभर में 130 से ज्यादा स्टोर हैं. इस रिटेल स्टोर से टाटा ने लोगों को फ्रेश और कंटेंपरेरी फैशन दिया. इस स्टोर ने एक ही छत के नीचे कस्टमर्स को कई इंटरनेशनल ब्रांड्स के आउटफिट, परफ्यूम, फुटवियर जैसे प्रोडक्ट्स को खरीदने का मौका दिया. लेकिन यहां के रेट थोड़े ज्यादा थे. इसलिए टाटा ने फैशन को मिडिल क्लास फैमिली और गांव-गांव पहुंचाने के लिए जूडियो की शुरुआत की और स्लोगन बनाया ‘Fashion for everyone’ यानी फैशन हर किसी के लिए है. यहां फैशनेबल कपड़े 999 रुपए से भी कम कीमत पर मिलते हैं.
भारतीयों को दिया फास्ट फैशन का गिफ्ट
फैशन डिजाइनर भावना जिंदल कहती हैं कि भारत में फैशन इंडस्ट्री 1980 के बाद डेवलप हुई लेकिन तब फैशन आउटफिट्स और स्टाइलिंग क्या होती है, यह चीज टाटा ने आम लोगों को समझाई. लोगों को वर्क वियर, एथनिक वियर, समर स्टाइल, विंटर स्टाइल, वेकेशन आउटफिट, फेस्टिवल ड्रेसिंग में फर्क समझ में आया. 1998 से पहले तक आम लोगों के पास ग्लोबल फैशन आउटफिट्स खरीदने के ज्यादा ऑप्शन नहीं थे और जो डिजाइनर आउटफिट थे, वह बजट से बाहर थे. हर लड़की का फेवरेट ब्रांड जारा भी टाटा का है. 2010 में टाटा ने स्पेन की कंपनी से हाथ मिलाकर भारत में जारा को लॉन्च किया। टाटा ने भारतीयों को फास्ट फैशन की सौगात दी है. फास्ट फैशन का मतलब है जो हरदम बदलता रहता है. यह फैशन कुछ महीने या कुछ सालों तक ट्रेंड में रहता है. फास्ट फैशन को फैड फैशन भी कहते हैं.
टाटा ने कई इंटरनेशनल क्लोदिंग ब्रांड्स आम लोगों तक पहुंचाए (Image-Canva)
इंडियन ड्रेसिंग को स्लो फैशन से जोड़ा
टाटा ने जहां लोगों को फास्ट फैशन से रूबरू कराया, वहीं उन्हें स्लो फैशन से भी जोड़ा. स्लो फैशन का मतलब है वह ड्रेसेज जो कभी भी आउट ऑफ फैशन नहीं होतीं यानी वह ट्रेंडी और टाइमलेस है. आसान भाषा में कहे तो इस तरह के फैशन की ड्रेसेज हमेशा सदाबहार रहती हैं. हमारी दादी-मम्मी स्लो फैशन ही करती थीं. स्लो फैशन के आउटफिट कॉटन और लिनेन से बनते हैं जो उन्हें अच्छी क्वॉलिटी का बनाते है. यह ड्यूरेबल और लॉन्ग लास्टिंग होते हैं. स्लो फैशन में साड़ी, लहंगे और सूट सलवार जैसे ट्रेडिशनल आउटफिट आते हैं. टाटा का तनेरा और समोह ब्रांड स्लो फैशन ही ऑफर करता है.
इको फ्रेंडली लेदर बनाया
टाटा ने सस्टेनेबल फैशन यानी इको फ्रेंडली फैशन की दिशा में भी खूब काम किया है. टाटा इंटरनेशनल ने फिनिक्स लेदर लॉन्च किया जो इको फ्रेंडली लेदर है. इससे कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन ज्यादा नहीं होता है. इस चमड़े को टाटा ने सेंट्रल लेदर रिसर्च इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर बनाया. यह चमड़ा जानवरों की जगह पेड़ों से बनाया गया. यह मेटल फ्री और केमिकल फ्री फीनिक्स लेदर विदेशों में भी एक्सपोर्ट किया जाता है.
नेचुरल ड्राई फैब्रिक बनाने में भी आगे
टाटा ग्रुप सस्टेनेबिलिटी पर फोकस करता है. उन्होंने सृष्टि ट्रस्ट के साथ मिलकर अरण्य नेचुरल की शुरुआत की. टाटा पिछले 24 साल से इसके तहत नेचुरल डाई फैब्रिक बनाता है ताकि पर्यावरण प्रदूषित ना हो. यह डाई चाय के वेस्ट, अनारों के छिलके, गेंदों के फूल, हल्दी, पत्तों जैसी चीजों से तैयार होती है. इसके अलावा टाटा अपने फैशन रिटेल स्टोर्स पर री-साइकिल गत्ते और कागज के बैग इस्तेमाल करता है. इसके अलावा स्टोर्स में जो प्लास्टिक जमा होता है, उसे रिसाइकिल कर दोबारा इस्तेमाल किया जाता है.
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FIRST PUBLISHED :
October 10, 2024, 17:26 IST