Last Updated:February 03, 2025, 21:20 IST
Mamta Kulkarni Ate Impure Food: ममता कुलकर्णी ड्रग्स केस में बरी होने के बाद भारत महाकुंभ में अमृत स्नान के लिए आई थीं. उन्होंने दावा किया कि वे 23 सालों से संन्यासी की तरह जीवन जी रही थीं. वे इस दौरान तपस्या औ...और पढ़ें
हाइलाइट्स
- ममता कुलकर्णी ने मंगोलियन खाना खाया था.
- ममता कुलकर्णी 23 सालों से संन्यासी जीवन जी रही हैं.
- ममता कुलकर्णी ने समाधि पूरी होने पर अशुद्ध आहार लिया था.
नई दिल्ली: ममता कुलकर्णी को 25 जनवरी को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया गया था, लेकिन कुछ दिनों बाद उनसे पदवी छीन ली गई. हालांकि, पूर्व एक्ट्रेस ने दावा किया कि वे महाकुंभ सिर्फ अमृत स्नान के लिए आई थीं. वे बीते 23 सालों से संन्यासिन की तरह जीवन गुजार रही हैं. वे तीस-तीस दिनों तक उपवास में रहीं और किसी साध्वी की तरह साधारण खाने पर गुजारा किया, लेकिन उन्होंने 31 दिसंबर की रात को एक रील पोस्ट की थी, जिसमें उन्होंने दावा किया कि वे मंगोलियन खाना खा रही हैं. मंगोलियन आहार में मांसाहार को ज्यादा तवज्जो दी जाती है.
ममता कुलकर्णी एक तरफ सात्विक जीवन जीने का दावा करती हैं, तो दूसरी ओर मंगोलियन खाना खाने का लुत्फ उठाती हैं. जब उनसे ‘आप की अदालत’ में इसकी वजह पूछी गई, तो उन्होंने बड़ा अद्भुत खुलासा किया. वे बोलीं, ‘मुझे जब सिद्ध अवस्था प्राप्त हो गई, कुंडलिनी शक्ति जाग गई, तब मुझे दो सिद्ध गुरु प्राप्त हुए. 10 चक्र के ऊपर 10-10 देवी-देवता होते हैं.’
ममता कुलकर्णी ने सुनाया अनोखा किस्सा
ममता कुलकर्णी ने मंगोलियन भोजन करने का राज बताया, ‘श्रीकृष्ण ने एक दिन मेरी परीक्षा ली थी. जब तक यह परीक्षा होती है, तब तक वह उजागर नहीं करते कि वे स्वयं हैं. जब मेरी समाधि पूरी हो गई, तो दो सिद्ध पुरुष मेरे सामने आ गए. तब तक मैं शुद्ध आहार लेती थी, लेकिन कैसे पता चलेगा कि मैं सिद्ध अवस्था तक पहुंच गई? मैंने उन्हें शुद्ध आहार दिया. उन्हें मैंने अपनी दिव्य दृष्टि से पहचान लिया था कि वे सिद्ध पुरुष हैं. उनके हावभाव और लक्षणों से पता चला. मैं शुद्ध खाना खा रही थी. उन्होंने कहा- बेटी हमको अशुद्ध चलेगा. यह कौन सी अवस्था था कि मुझे सामने से जो दिख रहे हैं कि वे सिद्ध पुरुष हैं, लेकिन मुझसे अशुद्ध भोजन मांग रहे हैं.’
कैसा भी खाना खा सकती हैं ममता कुलकर्णी
ममता कुलकर्णी ने आगे बताया कि मैंने सोचा कि उन्हें कौन सी सिद्धि हासिल हुई है कि उनकी तपस्या पर असर नहीं हो रहा है. मैंने और कड़ी तपस्या शुरू की और मुझे वह सिद्ध अवस्था प्राप्त हुई, वह अवस्था महाकाल और महाकाली को प्राप्त होती है. वे लक्ष्मी मां की तरह शुद्ध आहार लेते हैं और वे अघोरी की तरह अशुद्ध आहार भी लेते हैं. मैं उस सिद्ध अवस्था को प्राप्त हूं. मेरे ध्यान पर अशुद्ध आहार का असर नहीं पड़ता.’ ममता कुलकर्णी महामंडलेश्वर की पदवी छिनने के बाद सुर्खियों में हैं.
First Published :
February 03, 2025, 21:20 IST
'उस रात श्रीकृष्ण ने...' समाधि के बाद ममता कुलकर्णी ने क्यों लिया अशुद्ध आहार?