शारदीय नवरात्रि 2024 कलश स्थापना विधि.
देवघर: 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि शुरू हो रहे हैं. मां के स्वागत के लिए देवी भक्त अपने घर-मंदिरों को सजाते हैं. नवरात्रि के पहले दिन तमाम स्थानों पर कलश स्थापना भी होती है, जिसका मुहूर्त सबसे ज्यादा जरूरी माना गया है. मान्यता है कि सही विधि और मुहूर्त में कलश स्थापना करने से मां भगवती प्रसन्न होकर घर में प्रवेश करती हैं और कृपा बरसाती हैं.
कई बार जानकारी के अभाव में हम कलश स्थापना में चूक कर जाते हैं, जिसका दुष्प्रभाव भी नवरात्रि के नौ दिनों में दिख जाता है. इसलिए, ज्योतिषाचार्य का मानना है कि कलश स्थापना की विधि और मुहूर्त का पालन अति आवश्यक है. देवघर बैद्यनाथ मंदिर के प्रसिद्ध तीर्थ पुरोहित प्रमोद श्रृंगारी ने लोकल 18 को विस्तार से विधि और मुहूर्त के बारे में बताया है.
ऐसे करें दुर्गा सप्तशती का पाठ
तीर्थ पुरोहित ने बताया कि नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है. कई लोग कई तरह से पाठ करते हैं. कुछ लोग सामान्य विधि से पाठ करते हैं तो कई लोग विधिवत कलश स्थापना कर मां भगवती की पूजा करते हैं. वैसे, शास्त्रों में कलश स्थापित कर दुर्गा सप्तशती का पाठ करना शुभ और उत्तम माना गया है. शास्त्र में कहा गया है कि” सर्वे देवा:कलश आश्रित” यानी सभी देवी-देवता कलश पर आश्रित होते हैं.
कलश स्थापना की विधि
देवघर बैद्यनाथ मंदिर के तीर्थ पुरोहित प्रमोद श्रृंगारी ने बताया कि नवरात्रि में जौ का खास महत्व है. एक दिन पहले जौ को पानी में भिगो कर रख लें और अंकुरित होने दें. उसके बाद अगले दिन यानी कलश स्थापना के समय पूजा घर को गंगाजल छिड़कर शुद्ध कर लें. फिर माता दुर्गा की तस्वीर या प्रतिमा लगाएं. बालू में पानी डालें और जौ को रख दें. जौ के ऊपर कलश में पानी भरकर स्थापित करें. कलश के ऊपर नारियल अवश्य रखें. साथ ही धूप और दीप अवश्य जलाएं. बाए तरफ धूप और दाहिने तरफ दीप जलाएं. उसके बाद कलश में आम्र पल्लव रखें. साथ ही हर रोज पुष्प, नैवेद्य अर्पण करें. कलश स्थापना के बाद पूरे 9 दिन तक पाठ अवश्य करें. हो सके तो किसी जानकार पंडित को बुलाकर कलश स्थापना कराना चाहिए.
किस धातु का लाएं कलश
तीर्थ पुरोहित ने बताया कि कलश स्थापना के वक्त धातु का प्रयोग करें जैसे तांबा, पीतल या काशा. लेकिन, कलश स्थापना में मिट्टी के कलश का प्रयोग करने से बचें, क्योंकि उसके टूटने की ज्यादा संभावना होती है.
कलश स्थापना शुभ मुहूर्त
तीर्थ पुरोहित के अनुसार, कोई भी शुभ कार्य अगर शुभ मुहूर्त में करें तो उत्तम होता है. कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त यानी सुबह 05 बजे से लेकर 7 बजे तक का है. इस समय में कलश स्थापित करने से शुभ फल की प्राप्ति होगी.
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FIRST PUBLISHED :
October 1, 2024, 14:47 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.