दोनों इत्र में होता है बड़ा अंतर
कन्नौज. इत्र की नगरी कन्नौज में फूलों के साथ-साथ लकड़ियों से भी इत्र बनाया जाता है. फूलों और लकड़ियों के इत्र में खुशबू का तो अंतर होता ही है, साथ ही उनके रेट में भी बड़ा अंतर होता है. अंतर भी ऐसा रहता है कि जानकर आपके होश उड़ जाएंगे. फूलों के इत्र की रूह की कीमत 20 लाख तक जाती है. वहीं अगरवुड की लकडी के इत्र की कीमत की बात करें तो 50 लाख तक पहुंच जाती है. चंदन की लकड़ी से निकलने वाला इत्र सभी इत्रों की जान माना जाता है.
अतर के नाम से भी जाना है फूलों का इत्र
कन्नौज में बेला, चमेली, गुलाब, मेहंदी, सहित कई फूल से इत्र बनता है. इन फूलों की इत्र में बहुत भीनी खुशबू होती है. फूलों के इत्र को फ्लोरल खुशबू या अतर कहा जाता है. इन फूल के इत्रों की खुशबू 24 घंटे तक चलती है. फूलों से बने इत्र की खुशबू मन को फ्रेशनेस का अहसास कराते रहता है. वहीं कई तरह की लकड़ियों से भी इत्र बनता है. जिसमें चंदन की लकड़ी का इत्र सबसे महत्वपूर्ण होता है. उसके बाद अगरवुड की लकड़ी का इत्र पूरे विश्व में सबसे ज्यादा महंगा रहता है. इन लकड़ियों के इत्र को वूडी इत्र कहा जाता है. वहीं इसकी खुशबू फूलों के इत्र की अपेक्षा तेज और लंबे समय तक चलते रहता है.
फूल और लकड़ी के इत्र के रेट में है बड़ा फर्क
इत्र व्यापारी निशीष तिवारी ने लोकल 18 को बताया कि फूलों से बने इत्र की बात की जाए तो इसमें गुलाब के रूह की कीमत सबसे ज्यादा होती है, जो 20 से 22 लाख रुपए किलो तक पहुंच जाती है. वहीं लकड़ियों के इत्र में सबसे महंगा अगरवुड का इत्र होता है. जिसकी कीमत 50 लाख रुपए तक पहुंच जाती है. गल्फ कंट्री में इन दोनों इत्रों की सबसे ज्यादा डिमांड रहती है.
अगरवुड से बने इत्र का है अधिक कीमत
इत्र व्यापारी निशीष तिवारी ने लोकल 18 को बताया कि कन्नौज ही एकमात्र ऐसी जगह है, जहां नेचुरल इत्र मिलता है. कन्नौज में फूल और लकड़ी दोनों से इत्र बनाया जाता है. फूलों से बने इत्र को फ्लोरल कहते हैं और लकड़ी से बने इत्र को वूडी इतर कहा जाता है. इन दोनों में कई तरह के अंतर होते हैं. फूलों की खुशबू वाली इत्र दिमाग को ताजगी से भर देता है. वहीं लकड़ी की खुशबू तेज और लंबे समय तक बनी रहती है. इनके रेट में भी फर्क होता है. फूलों में सबसे महंगा गुलाब का इत्र होता है और लकड़ी में अगरवुड का इत्र सबसे ज्यादा महंगा होता है.
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FIRST PUBLISHED :
October 1, 2024, 16:39 IST