खाद्य सामग्री तैयार करती मजदूर
मिर्जापुर: अक्सर आप बाजार में गुड़ से बने शेव के लड्डू, बदाम पट्टी और रामदाना को देखा होगा और कई बार स्वाद को भी चखा होगा. अनोखे स्वाद की वजह से आप भी इसके दीवाने हैं, लेकिन आपको पता है कि इसे कैसे तैयार किया जाता है और क्या-क्या मिलाकर बनाया जाता है. मिर्जापुर जिले में भी गुड़ से खास आइटम पुरानी विधि से तैयार होता है. इसकी मांग जिले में ही नहीं बल्कि पूर्वांचल भर में है. डिमांड के अनुसार सामान तैयार करके सप्लाई किया जाता है. जहां 3 महीने तक कारोबार चलता है. उसके बाद मांग कम हो जाती है.
मिर्जापुर के पैरिया टोला में गुड़ से अलग-अलग चीजें तैयार की जाती हैं. किशन कुमार साहू ने बताया कि गुड से अनेकों चीज तैयार होते हैं, लेकिन हम शेव के लड्डू तैयार करते हैं. इससे बादामपट्टी, चिक्की, रामदाना और धुंधा तैयार किया जाता है. शेव के लड्डू बनाने के लिए बेसन से पहले शेव को तैयार किया जाता है. उससे अगले दिन भट्टी पर गुड़ को पिघलाकर लड्डू को तैयार किया जाता है. इसकी डिमांड मिर्जापुर में है. वहीं, अन्य लोग मेनीफेक्चर करके पूर्वांचल के अलग-अलग जनपदों में सप्लाई करते हैं.
5 रुपए किलो होता है मुनाफा
उन्होंने बताया कि बाजार में 90 रुपए किलो के हिसाब से बिक्री की जाती है. प्रति किलो 5 रुपए का मुनाफा होता है. 3 महीने अच्छी कमाई होती है. नवंबर माह से मकर संक्रांति तक इसे तैयार किया जाता है. बाजार में जबरदस्त डिमांड रहती है. शेव के साथ ही रामदाना व बादामपट्टी को तैयार किया जाता है.
11 सालों से कर रहे हैं काम
इसका काम करने वाली रेखा गुप्ता ने बताया कि वह 11 सालों से काम कर रही हैं. आर्डर के अनुसार ही इसे तैयार किया जाता है. हम लोगों को तीन महीने तक काम रहता है. जनवरी में इसकी मांग तेज हो जाती है. फरवरी माह के बाद काम लगभग खत्म हो जाता है. तीन महीने में अच्छी कमाई होती है.
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FIRST PUBLISHED :
November 22, 2024, 06:58 IST