कंपनी नॉर्वे की और चला रहे थे चीन वाले, अब सरकार जब्‍त करेगी 252 करोड़

2 hours ago 1

हाइलाइट्स

नॉर्वे की कंपनी का कंट्रोल चीन के पास था. कैशबीन नाम का यह ऐप लोन बांटता है. इस पर ईडी ने जब्‍ती और जुर्माना लगाया है.

नई दिल्‍ली. चालाक चीन ने अपने देश की कंपनियों पर सरकार की नजर टेढ़ी होने पर भारत में बिजनेस करने का दूसरा रास्‍ता खोज निकाला. अब वह दूसरे देशों की कंपनियां अपने कंट्रोल में लेकर देश में कारोबार चला रहा था, लेकिन खुलासा होते ही सरकार ने डंडा चला दिया. अब न सिर्फ इस कंपनी के 252 करोड़ रुपये जब्‍त किए जाएंगे, बल्कि इसका 10 गुना जुर्माना भी वसूला जाएगा. यह कंपनी भारत में अवैध तरीके से कर्ज बांट रही थी.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बताया है कि चीनी व्यक्तियों के ‘नियंत्रण’ वाली नॉर्वे की कंपनी की भारतीय इकाई से 252 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्‍त की जाएगी. यह आदेश कर्ज देने के अवैध तरीके से काम करने वाले मोबाइल ऐप ‘कैशबीन’ के खिलाफ फेमा जांच के तहत दिया गया है. प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि 7 अक्टूबर को पीसी फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लि. (पीसीएफएस) के खिलाफ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत आदेश जारी किया गया था. जब्‍ती के साथ ही कंपनी पर 2,146 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना भी लगाया गया है.

ये भी पढ़ें – RBI ने नहीं बदला रेपो रेट लेकिन इस सरकारी बैंक ने चुपचाप महंगा कर दिया लोन

नॉर्वे के ग्रुप की है कंपनी
ईडी ने बताया कि पीसीएफएस नॉर्वे स्थित ओपेरा ग्रुप की सहायक कंपनी है. इसका ‘नियंत्रण’ चीनी मालिकों के पास है. यह अपने मोबाइल ऐप ‘कैशबीन’ के जरिये भारत में लोगों को पैसा उधार देने के कारोबार में शामिल है. जांच एजेंसी के अनुसार, पीसीएफएस ने अपने संबंधित विदेशी समूह की कंपनियों को ‘सॉफ्टवेयर लाइसेंस और सेवाओं के आयात’ की आड़ में 429.30 करोड़ रुपये भेजे, जो फर्जी पाया गया.

वसूल रहे थे मनमाना ब्‍याज
भारतीय रिजर्व बैंक ने फरवरी, 2022 में पाया था कि पीसीएफएस कर्ज लेने वालों से ‘गैर-पारदर्शी’ तरीके से अत्याधिक ब्याज दर और अन्य शुल्क वसूल रही थी. साथ ही कर्ज लेने वालों से वसूली को लेकर आरबीआई और सीबीआई के प्रतीक चिन्ह का गलत रूप से उपयोग कर रही थी, जो निष्पक्ष व्यवहार संहिता का उल्लंघन है. ईडी ने कहा कि आरबीआई ने कंपनी के पंजीकरण प्रमाणपत्र को रद्द कर दिया और इस पर गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान के रूप में कार्य करने पर भी रोक लगा दी.

लगा दिया भारी-भरकम जुर्माना
जांच एजेंसी ने सबसे पहले 2021 में 252.36 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया था. बाद में इस आदेश को उचित प्राधिकार ने फेमा के तहत फरवरी, 2022 में मंजूरी दी थी. पीसीएफएस ने अपीलीय मंच के समक्ष इस आदेश के खिलाफ अपील दायर की और अंतिम निर्णय लंबित है. जांच एजेंसी ने कहा कि उसने जून, 2022 में न्याय निर्णय करने वाले प्राधिकरण के समक्ष फेमा नियमों के उल्लंघन को लेकर शिकायत दर्ज की. इसके बाद प्राधिकरण ने कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया और उसका पालन किया गया.

ईडी ने कहा, पीसीएफएस के तत्कालीन क्षेत्रीय प्रमुख झांग होंग ने न तो कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया और न ही व्यक्तिगत सुनवाई में शामिल हुए. लिहाजा अक्टूबर, 2024 के आदेश के तहत, भारत में रखी गई और फेमा की धारा 37ए के तहत जब्त की गई पीसीएफएस की 252.36 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया गया है. साथ ही 21.46 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

Tags: 118 CHINESE APPS BANNED, Business news, Easy indebtedness against it

FIRST PUBLISHED :

October 11, 2024, 08:43 IST

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article