आकाश निषाद / जबलपुर: यदि आपको गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल देखनी है, तो मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. दरअसल, शहर का एक मुस्लिम परिवार 80 साल से रावण के पुतले बनाने का काम कर रहा है. इस परिवार की चौथी पीढ़ी रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले बनाने का काम करती है. हालांकि, यह मुस्लिम परिवार का पेशा नहीं है, वे परंपरा निभाने के लिए यह काम करते हैं. कहीं न कहीं मुस्लिम परिवार की दशहरे में यह भूमिका कौमी एकता का भी संदेश देती है. इस संबंध में लोकल 18 की टीम की मुलाकात शहर के इस मुस्लिम परिवार से हुई. लोकल 18 की टीम गौरीघाट स्थित आयुर्विज्ञान कॉलेज पहुंची. इस दौरान इफ्तेखार आलम ने क्या कहा, जानिए इस रिपोर्ट में…
मुस्लिम परिवार का पुतला निर्माण कार्य
लोकल 18 से बात करते हुए इफ्तेखार आलम ने कहा, “मैं 40 साल से खुद रावण के पुतले बनाने का काम कर रहा हूं. मेरी उम्र 54 साल की है. दशहरे में पिताजी के साथ 8 साल की उम्र में ही आ जाता था. इसके पहले मेरे दादाजी, फिर पिताजी आया करते थे. अब मेरा बेटा और बहन इस परंपरा को निभा रहे हैं. पुतले बनाने के दौरान परिवार के आठ लोग काम करते हैं. इसके अलावा अन्य लोगों की भी मदद ली जाती है.”
निःशुल्क सेवा और परिवार की भागीदारी
इफ्तेखार आलम ने बताया कि वे खास तौर पर शहर के पंजाबी दशहरा में पुतले बनाने का कोई भी शुल्क नहीं लेते हैं. सिर्फ श्रम की मजदूरी और पुतले का सामान संगठन से लेते हैं. बाकी निःशुल्क बनाते हैं. इफ्तेखार आलम के दादा मोहम्मद हाजी शेख आलम, पिता इसराइल आलम, बड़े भाई मुख्तार आलम ने पंजाबी दशहरा में पुतले बनाने का सहयोग किया था. अब इफ्तेखार आलम, उनके बेटे मोहम्मद अदरान और मोहम्मद आलम, बेटी आयशा गुन्नार सहित बहनें इस परंपरा को निभा रहे हैं.
सांप्रदायिक सद्भाव का संदेश
इफ्तेखार आलम ने कहा, “कोई भी व्यक्ति हिंदू-मुस्लिम की एकता नहीं बिगाड़ सकता. जब पुतले का दहन पंजाबी हिंदू एसोसिएशन में किया जाता है, तब हमारा पूरा परिवार मौजूद रहता है. इस दौरान बहुत अच्छा लगता है क्योंकि रावण बुराई का प्रतीक है. हमें हिंदुस्तान से बुराई को मिटाना है न कि बुराई को लाना है. हमें एक अच्छा हिंदुस्तान मिलकर बनाना है.”
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विशाल पुतलों का निर्माण
पंजाबी हिंदू संगठन द्वारा रामनवमी के दिन ही रावण दहन का कार्यक्रम रखा जाता है. यहां मुस्लिम परिवार 75 फीट ऊंचा रावण और कुंभकरण का पुतला बनाते हैं. इन्हें तैयार करने में करीब 40 दिन लगते हैं. ये पुतले आकर्षण का केंद्र होते हैं. इस आयोजन में शहर के साथ ही अन्य जिलों से आतिशबाजी करने वाली टीमें बुलाई जाती हैं. हजारों की संख्या में लोग इस कार्यक्रम में जुड़ते हैं. पंजाबी हिंदू संगठन 72 साल से पंजाबी दशहरा का आयोजन कर रहा है, जिसमें इस मुस्लिम परिवार की भी अहम भूमिका होती है.
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FIRST PUBLISHED :
October 11, 2024, 10:42 IST