कंबल ओढ़कर घी पी गए DEO रजनीकांत, दोस्त बोला- हमको नहीं पता था प्रवीण ऐसा होगा

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Agency:News18 Bihar

Last Updated:January 24, 2025, 20:06 IST

DEO Rajnikant Case : रजनीकांत के बेहद करीबी दोस्त अमित बताते हैं कि वो दो साल पहले घर आए थे.इससे पहले हमलोग बैचमेट हुआ करते थे. प्रारंभिक पढ़ाई गांव के विद्यालय से ही साथ में की थी. वर्ष 1991 में मेट्रिक का एग्...और पढ़ें

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पैतृक

पैतृक आवास.

नालंदा. बेतिया डीईओ रजनीकांत प्रवीण सुर्खियों में हैं. सुर्खी में रहने की वजह उन पर पड़ा छापा है. इस दौरान अकूत संपति मिली है और आगे की कार्यवाही चल रही है. ऐसे में हम चर्चित डीईओ रजनीकांत प्रवीण के नालंदा स्थित गिरियक प्रखंड के पैतृक गांव पोखरपुर पहुंचे. यह गांव आदर्श गांव है. यहां गलीनुमा सड़कों के किनारे कई सारी इमारतें नजर आती है. इसी में से एक इमारत है रजनीकांत प्रवीण की. दरवाजा बाहर से बंद है. दीवारों के कलर गायब हैं. गांव का माहौल शांत भी है और शॉकिंग भी. सभी रजनीकांत प्रवीण के पास से मिले इतनी दौलत की खबर सुन सन्न हैं.

क्या कहते हैं स्थानीय लोग
रजनीकांत के घर से कुछ ही दूर पर कुछ लोग कुर्सी लगाए बैठे हैं और धूप का आनंद ले रहे हैं. हमारे सवाल पर स्थानीय लोग कहते हैं कि घर परिवार काफी साफ सुथरा है. रजनीकांत के पिता राधा रमण सिंह शिक्षक हुआ करते थे. उनके 6 बच्चे हुए जिनमें दो लड़के और 4 लड़कियां हुई. एक बेटे का नाम रजनीकांत तो दूसरे का कुंदन रखा गया. राधा रमण सिंह को शिक्षक के साथ-साथ हड्डी विशेषज्ञ के रूप में भी जाना जाता है, इसके साथ ही वह समाज सेवा में भी रुचि रखते थे. किसी भी प्रकार की टूटी हड्डियों को जोड़ दिया करते थे. हालांकि ग्रामीण ऑफ कैमरा बात कर रहे थे. हमें तलाश थी किसी ऐसे इंसान की जो रजनीकांत की बेहद करीब से जानता हो. ऐसे में हमारी तलाश पूरी हुई उनके बचपन और पटना में साथ में तैयारी करने वाले मित्र अमित से.

दोस्त ने क्या बताया
रजनीकांत के बेहद करीबी दोस्त अमित बताते हैं कि वो दो साल पहले घर आए थे. इससे पहले हम लोग बैचमेट हुआ करते थे. प्रारंभिक पढ़ाई गांव के विद्यालय से ही साथ में की थी. वर्ष 1991 में मैट्रिक का एग्जाम देने के बाद पटना रहकर पढ़ाई करने लगे. वो रजनीकांत का उपनाम प्रवीण लेकर कहते हैं कि वो बात विचार से बेहद अच्छे इंसान थे. पढ़ाई में भी अव्वल थे. जबसे मीडिया के जरिए इस खबर को जाना है तबसे पूरा गांव शोक में है. कोई यकीन नहीं कर सकता कि प्रवीण ऐसा भी हो सकता है. संपत्ति पूछे जाने पर वो कहते हैं कि रजनीकांत के पिता के पास घर के अलावा लगभग 2 बीघा जमीन है. गांव में इन लोगों ने बीते कुछ सालों में कुछ भी नहीं खरीदा है.

पहली पत्नी के मौत के बाद रचाई दूसरी शादी
रजनीकांत प्रवीण ने दो शादियां की है. गांव वालों के अनुसार उनकी पहली पत्नी गया की रहने वाली थी. साल 2003-04 के आसपास उनकी आकस्मिक मौत हो गई. इसके बाद रजनीकांत ने समस्तीपुर की रहने वाली सुष्मिता से वर्ष 2005 में शादी की. पहली पत्नी से कोई बच्चा नहीं था.

गांव में नहीं रहते परिवारवाले
स्थानीय लोगों के अनुसार रजनीकांत के छोटे भाई समस्तीपुर में बीडीओ हैं. वहीं उनके माता-पिता भी उनके साथ रहते हैं. साल, दो साल पर परिवार के लोग कभी एक बार गांव घूमने आ जाते हैं. उनके दोस्त अमित बताते हैं कि रजनीकांत को गांव आए लगभग 2 साल हो गए हैं.

First Published :

January 24, 2025, 20:06 IST

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