कभी पढ़ते थे प्रेरणास्रोत की कहानी, आज युवाओं को खुद दे रहे हैं रोजगार

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बबलू

बबलू बने आत्मनिर्भर 

बलिया: कहते हैं हर सफलता के पीछे कोई न कोई बड़ा राज छिपा होता है, जो सफलता के रास्ते पर चल पड़े युवाओं के लिए न केवल प्रेरणा स्रोत साबित होती है. बल्कि जीवन में खुशहाली भर देती है. उक्त कथन… को बलिया के बेरोजगार युवा ने सच साबित कर दिखाया है. कभी किसी सफल व्यक्तियों की कहानी पढ़कर आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा लेने वाला ये शख्स आज खुद हर किसी के लिए प्रेरणा स्रोत बन गया है.

जी हां! बेरोजगार ये शख्स आज तमाम लोगों के लिए रोजगार का एक बड़ा माध्यम बनकर सामने आया है. आत्मनिर्भर भारत की मिसाल पेश करने वाले इस शख्स की हर तरफ चर्चा हो रही है. आइए विस्तार से जानते हैं इस होनहार युवक के बारे में.

पूनम चीलिंग प्लांट के मालिक ने बताया

पूनम चीलिंग प्लांट के मालिक बबलू सिंह ने बताया कि वह बांसडीह तहसील छोटकी सेरिया के रहने वाले हैं .ऐसे में लोकल 18 हर समय युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से तमाम योजना और प्रेरणा स्रोत वाली सफल कहानी खोज कर लाती है. जिसको पढ़ने के बाद कुछ बड़ा करने के लिए शरीर को एक अलग ऊर्जा मिलती है. इस कड़ी में बेरोजगार बबलू ने भी अपने सपने की उड़ान भरी और आज अनेक लोगों को रोजगार देने के काबिल बन चुके है.

सही दिशा में किया प्रयास

बबलू ने भी ये संकल्प लिया है कि सरकार जब तमाम योजनाओं के तहत बेरोजगारी दूर करने का प्रयास कर रही है, तो एक बार उनको भी आजमाना चाहिए. बबलू MSME योजना के तहत 50 लाख का लोन लेकर एक चीलिंग प्लांट इधर केवल हफ्ते दिन से सवरा पांडेयपुर में खोले हैं. जिसका परिणाम बेहद सुखद है.

प्रेरणा लेने वाला ही खुद बन गया प्रेरणा स्रोत

बबलू ने कहा कि वह अपने आप को अब भाग्यशाली मान रहे हैं. क्योंकि वह न केवल अपने आप को विकसित सफल किए. बल्कि 15 लोगों को रोजगार भी दे चुके हैं. उनका मानना है कि इस चीलिंग प्लांट से 50 गांव लाभांवित होंगे. दूसरे किसी की कहानी पढ़ कर प्रेरणा लेने वाले बबलू से आज आसपास के लोग बबलू से प्रेरणा ले रहे हैं.

ये है इस प्लांट की खासियत 

चीलिंग प्लांट की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसमें पशु मालिकों को दूध ज्यादा समय तक सुरक्षित और गुणवत्ता से भरपूर होगा. यह बाहर बेचने के लिए जाएगा. जिसका कीमत भी अधिक मिलेगी और पशुपालको की आय भी बढ़ेगी. यह सुविधा होने से आसपास के पशुपालक भी अपने पशुओं की संख्या लगातार बढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी लगभग 20 गांव उनके प्लांट से जुड़ चुके हैं. उनका अनुमान है कि लगभग 50 गांव जुड़ेंगे. उन्होंने अभी 15,000 लीटर की टंकी बैठाया हुआ है, लेकिन स्थिति के अनुसार इसे डबल करने की भी तैयारी जारी है.

Tags: Ballia news, Inspiring story, Local18, Success Story

FIRST PUBLISHED :

November 24, 2024, 13:30 IST

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