काशी में कटा 11 सौ किलो का केक
वाराणसी: बाबा कालभैरव को काशी का कोतवाल कहा जाता है. भोले की नगरी में उनके जन्मदिन को बेहद ही खास तरीके से मनाया गया. काशी के प्रसिद्ध कालभैरव मंदिर के बाहर भक्तों ने बाबा कालभैरव की जयंती पर 1100 किला का भारी भरकम केक काटा. इस दौरान डमरू के डम-डम की आवाज और हर हर महादेव के जयघोष से पूरा मंदिर गूंज उठा.
इस खास केक को फल और मेवे से तैयार किया गया था. सभी भैरव भक्तों ने केक काटकर उसे प्रसाद स्वरूप लोगों में बंटवाया. इस दौरान लोगों की भारी भीड़ दिखाई दी. इस केक पर हैप्पी बर्थडे भैरव लिखा हुआ था. बताते चलें कि पिछले साल 1001 किलो का केक काटा गया था. इस परम्परा की शुरुआत 2006 में 1 किलो के केक से हुई थी.
कालभैरव मंदिर की हुई विशेष सजावट
इसके अलावा भैरव जयंती के मौके पर कालभैरव मंदिर में विशेष सजावट भी गई थी. इसके साथ ही बाबा काल भैरव का विशेष श्रृंगार भी किया गया था. श्रृंगार में फल, फूलों के साथ मदिरा की शिशिया भी उन्हें भोग के तौर पर लगाया गया था. कालभैरव मंदिर के महंत मोहित ने बताया कि काशी में बाबा कालभैरव के जयंती का उत्सव बेहद ही धूमधाम से मनाया जाता है.
सुबह से भक्तों की भारी भीड़
इस खास दिन पर सुबह से देर रात तक मंदिर में भक्तों की खासी भीड़ लगती है. इसके अलावा विशेष पूजन का आयोजन भी किया जाता है. इस दौरान 1008 बत्ती की दीप जलाई गई. वहीं, बाबा कालभैरव के जयंती पर कई भक्त भी केक लेकर मंदिर पहुंचे और यहां मंदिर में केक काटकर उनका जन्मदिन सेलिब्रेट किया.
भगवान शिव के रौद्र रूप हैं काल भैरव
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हर साल काल भैरव की जयंती मनाई जाती है.बाबा कालभैरव को भगवान शिव का रौद्र रूप माना जाता है.
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FIRST PUBLISHED :
November 24, 2024, 07:25 IST