चंडीगढ़. पंजाब-हरियाणा के बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को लेकर बड़ी हलचल है. पंजाब पुलिस ने जहां आमरण अनशन पर बैठने से पहले ही मंगलवार सुबह जींद जिले से सटे पंजाब बॉर्डर से किसान नेता डल्लेवाल को डिटेन कर लिया. डल्लेवाल को लुधियाना के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. वहीं, अब पंजाब और हरियाणा के पुलिस अफसरों की मीटिंग में अंबाला के शंभू बॉर्डर के पास हुई है. बताया जा रहा है कि बॉर्डर पर चार फीट के करीब रास्ता किसानों के लिए खोला जा सकता है. ऐसे में किसानों को पैदल आगे बढ़ने की इजाजत दी जा सकती है.
दरअसल, छह दिंसबर को किसानों ने दिल्ली कूच का ऐलान किया है. ऐसे में इससे पहले, किसान नेताओं ने कहा था कि वह 26 नवंबर से आमरण अनशन करेंगे. इसी के चलते जींद के खनौरी-दाता बॉर्डर पर किसान नेता डल्लेवाला मंगलवार को अनशन पर बैठने वाले थे लेकिन, पंजाब पुलिस तड़के उन्हें वहां से ले गई. इसके इसके विरोध में किसानों ने कैथल में हनुमान वाटिका में इकट्ठे होकर रोष मार्च निकलते हुए सचिवालय में प्रदर्शन किया. बाद में पंजाब पुलिस ने जानकारी दी कि डल्लेवाल की उम्र ज्यादा है और ऐसे में उनकी सेहत को नुकसान हो सकता है और इसी वजह से उन्हें लुधियाना में सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.
वहीं, बाद में पंजाब पुलिस और हरियाणा पुलिस के अफसरों ने अंबाला के शंभू बॉर्डर के पास मीटिंग की. इस दौरान 4 फ़ीट रास्ता शंभू बॉर्डर पर खोलने पर चर्चा हुई है. यहां पर 9 महीनों से किसान मोर्चा लगाए हुए बैठे हैं.इसी साल फरवरी में किसानों के दिल्ली कूच के चलते हरियाणा सरकार ने पंजाब से सटे बॉर्डर को सील कर दिया था.
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने मंगलवार को कहा कि हमारा प्रोग्राम जारी रहेग और हमारा प्रदर्शन केंद्र सरकार के खिलाफ था, लेकिन पंजाब सरकार ने हमारे खिलाफ कार्रवाई की है. अभी तक जगजीत सिंह डलेवाल के साथ हमारी बात नहीं करवाई गई. हम शांतमई प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन हमारे खिलाफ ऐसी गलत कार्रवाई की गई. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने न्यूज 18 से कहा कि कि हम पिछले 9 महीनों से आंदोलन कर रहे हैं. अंग्रेजों का व्यवहार शायद ऐसा नेहीं था जैसा हमारी सरकारों का हो रहा है. सरकार को अगर कानून व्यवस्था बिगड़ती नजर आ रही थी तो हमारे साथ एक बार मीटिंग कर लेते, लेकिन एक बुजुर्ग किसान को रात के 3 बजे बिना चप्पल और कपड़े पहने उठा लेना कहां तक ठीक है. पहले तो पुलिस को डल्लेवाल जी की इतनी चिंता नहीं रही. सुबह अनशन शुरु करना था, लेकिन डल्लेवाल का क्या कुसूर था. ये खुद आंदोलन को भड़का रहे हैं. हम तो शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं. उन लोगों ने संविधान को तार तार कर दिया है.
FIRST PUBLISHED :
November 26, 2024, 14:49 IST