नई दिल्ली. भाजपा सांसद कंगना रनौत ने कृषि कानूनों को लेकर एक बयान दिया है, जिससे तुरंत ही पार्टी ने पल्ला झाड़ लिया, लेकिन कांग्रेस ने इसे हरियाणा चुनाव में हथियार के रूप में लपक लिया है. दरअसल, मंडी से लोकसभा सांसद कंगना ने उन तीन कृषि कानूनों को वापस लाने की पैरवी की है, जिसे केंद्र ने किसानों के भारी विरोध के बाद वापस ले लिया था. कंगना का यह बयान ऐसे समय में आया है, जबकि हरियाणा विधानसभा चुनाव सिर पर है. आनन-फानन में बीजेपी की तरफ से बयान जारी किया गया.
बीजेपी नेता गौरव भाटिया ने ‘एक्स’ पर कहा, ”सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बीजेपी सांसद कंगना रनौत का केंद्र सरकार द्वारा वापस लिए गए कृषि बिलों पर दिया गया बयान वायरल हो रहा है. मैं साफ कर देना चाहता हूं कि यह बयान उनका निजी बयान है. रनौत भाजपा की ओर से ऐसा बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं और यह कृषि बिलों पर भाजपा की सोच को नहीं दिखाता है.” भाजपा ने तो सफाई दे दी, लेकिन कांग्रेस अब इस मुद्दे को भुनाने में लग गई है.
कांग्रेस ने बीजेपी पर बोला हमला
कांग्रेस ने मंगलवार को कृषि कानूनों को लेकर कंगना रनौत की एक कथित टिप्पणी का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी 2021 में निरस्त किए गए तीन कानूनों को वापस लाने का प्रयास कर रही है और हरियाणा इसका करारा जवाब देगा. कांग्रेस ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर रनौत का एक बिना तारीख वाला वीडियो साझा किया, जिसमें वह कथित तौर पर हिंदी में कह रही हैं, “जो कृषि कानून निरस्त किए गए हैं उन्हें वापस लाया जाना चाहिए. मुझे लगता है कि यह विवादास्पद हो सकता है. किसानों के हित में कानून वापस लाए जाएं. किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए, ताकि उनकी समृद्धि में कोई रुकावट नहीं रहे.”
कांग्रेस ने भाजपा पर लगाया ये आरोप
कांग्रेस ने वीडियो के साथ एक पोस्ट में कहा, “किसानों पर थोपे गए तीनों काले कानून वापस लाए जाएं: यह बात भाजपा सांसद कंगना रनौत ने कही है. देश के 750 से अधिक किसान शहीद हो गए, तब जाकर मोदी सरकार जागी और ये काले कानून वापस लिए गए.” कांग्रेस ने आरोप लगाया कि अब भाजपा सांसद इन कानूनों को वापस लाने की योजना बना रहे हैं.
कांग्रेस ने कहा, हरियाणा करारा जवाब देगा
विपक्षी दल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, “कांग्रेस किसानों के साथ है. ये काले कानून कभी वापस नहीं होंगे, चाहे नरेन्द्र मोदी और उनके सांसद कितनी भी कोशिश कर लें.” कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी ‘एक्स’ पर रनौत का वीडियो साझा किया और कहा, “तीनों कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए : भाजपा सांसद कंगना रनौत. तीन काले कृषि कानूनों का विरोध करते हुए 750 से अधिक किसान शहीद हो गए…” उन्होंने हरियाणा में विधानसभा चुनावों का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा, “हम ऐसा कभी नहीं होने देंगे. हरियाणा करारा जवाब देगा.”
कंगना के बयान पर दूसरी बार बीजेपी को देनी पड़ी सफाई
यह पहली बार नहीं है कि कंगना ने अपने बयान भाजपा को परेशानी में डाला है. करीब एक माह पहले ही उन्होंने एक पॉडकास्ट के दौरान कहा था कि किसान आंदोलन में रेप हुए, अगर केंद्र में भाजपा का शीर्ष नेतृत्व नहीं होता तो यहां बांग्लादेश जैसे हालात बनने में ज्यादा समय नहीं लगता. मंडी सांसद के इस बयान पर भी भाजपा को अपना स्टैंड क्लियर करना पड़ा था.
इन दोनों ही मामलों में भाजपा को तुरंत सामने आना पड़ा क्योंकि पूरा मुद्दा किसानों से जुड़ा था और अक्टूबर में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं. किसान आंदोलन की अगुवाई पंजाब और हरियाणा के किसान नेता ही कर रहे थे. ऐसे में भाजपा को किसानों की अहमियत अच्छे से मालूम है. उन्होंने पता है हरियाणा की राजनीति में किसान एक अहम रोल अदा करते हैं और उनका एक बड़ा वोटबैंक भी है. जाहिर है, पार्टी किसानों को नाराज करने का जोखिण नहीं उठाना चाहेगी.
तीन कानून – कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) अधिनियम; कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम; तथा आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम – को नवंबर 2021 में निरस्त कर दिया गया. किसानों का विरोध नवंबर 2020 के अंत में शुरू हुआ था और संसद द्वारा तीनों कानूनों को निरस्त करने के बाद समाप्त हुआ. ये कानून जून 2020 में लागू हुए थे और नवंबर 2021 में निरस्त कर दिए गए.
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FIRST PUBLISHED :
September 25, 2024, 05:31 IST