MBBS Admission 2024 : सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई कोटा सिस्टम को फ्रॉड करार दिया है. साथ ही हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ पंजाब सरकार की याचिका भी खारिज कर दी. जिसमें एनआरआई कोटे के माध्यम से एमबीबीएस में एडमिशन के लिए संशोधित नियमों को खारिज कर दिया गया था.
दरअसल, पंजाब सरकार ने 20 अगस्त को एक अधिसूचना जारी करके एनआरआरई उम्मीदवारों की परिभाषा को व्यापक बनाते हुए इस कोटे में एनआरआई के रिश्तेदारों को भी शामिल कर लिया था. जिसे पंजाब एवं हरियाणा हाईकोकोर्ट ने ये कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह संभावित दुरुपयोग के दरवाजे खोलता है.
यह पैसा कमाने की चाल
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. 24 सितंबर को मामले पर सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार के वकील ने कहा कि हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश भी एनआरआई कोटा एडमिशन के लिए एक व्यापक परिभाषा का पालन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हिमाचल, यूपी और चंडीगढ़, हर जगह एनआरआई की उसी परिभाषा का पालन किया जा रहा है, जो मैं कह रहा हूं. इस पर मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने जवाब दिया “आप कह रहे हैं कि एनआरआई के निकटतम रिश्तेदार पर भी विचार किया जाएगा. यह क्या है? यह राज्य द्वारा सिर्फ पैसा कमाने की चाल है.” पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला भी शामिल थे, जिन्होंने उच्च न्यायालय के आदेश का समर्थन किया.
बंद कर देना चाहिए एनआरआई कोटा कारोबार
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “हमें अब एनआरआई कोटा कारोबार बंद कर देना चाहिए! यह पूरी तरह से धोखाधड़ी है. हम अपनी शिक्षा प्रणाली के साथ यही कर रहे हैं.” उन्होंने कहा, “परिणाम देखिए. जिन लोगों को तीन गुना अधिक अंक मिले हैं, उन्हें प्रवेश नहीं मिलेगा.” न्यायमूर्ति पारदीवाला ने कहा कि सभी आवेदक भारत से हैं. “वे सिर्फ रिश्तेदार हैं, ताई (चाची), ताऊ (चाचा), चाचा, चाची.” मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “वार्ड क्या है? आपको बस इतना कहना है कि मैं एक्स की देखभाल कर रहा हूं.” उन्होंने कहा कि न्यायालय ऐसी किसी चीज का समर्थन नहीं कर सकता जो “स्पष्ट रूप से अवैध” हो. पंजाब के मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में लगभग 185 एनआरआई कोटा सीटें हैं.
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FIRST PUBLISHED :
September 25, 2024, 08:00 IST