हरिद्वार. कौन थे पायलट बाबा? क्या पायलट बाबा (Pilot Baba) की मौत एक साजिश थी? हरिद्वार के एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोभाल ने क्यों किया स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन? मंगलवार को ये सारे सवाल तब सामने आए, जब पायलट बाबा के शिष्य ब्रह्मानंद गिरी ने आरोप लगाया कि बाबा के इलाज में लापरवाही की गई और करोड़ों की संपत्ति खुर्द-बुर्द की गई. इन आरोपों की गंभीरता को देखते हुए एसआईटी में कई अधिकारी शामिल किए गए हैं. पायलट बाबा का निधन अगस्त 2024 में हुआ था. ब्रह्मानंद गिरी के आरोप और SIT का गठन होने के बाद यह मामला सुर्खियों में है.
मिली जानकारी के अनुसार, यह मामला तब सामने आया, जब ब्रह्मानंद गिरी शिष्य सोमनाथ गिरी पायलट बाबा निवासी महायोगी पायलट बाबा आश्रम जगजीतपुर कनखल ने जगजीतपुर में स्थित पायलट बाबा आश्रम के साधु-संतों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की है. एसआईटी में कई अधिकारियों को शामिल किया गया है, जो सभी आरोपों की बारीकी से जांच कर रहे हैं, जिससे यह साफ होगा कि आरोप सही हैं या नहीं.
कौन थे पायलट बाबा?
पायलट बाबा का असली नाम कपिल अद्वैत सामनाथ गिरी था. उनका जन्म 1938 में बिहार के रोहतास जिले के बिशनपुरा गांव में हुआ था. उनके पिता का नाम चंद्रमा सिंह और माता का नाम तपेश्वरी देवी था. उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय से ऑर्गेनिक केमिस्ट्री में एमएससी की पढ़ाई पूरी की. पढ़ाई के बाद वह भारतीय वायुसेना में बतौर पायलट शामिल हुए. पायलट बाबा ने 1962 के भारत-चीन युद्ध और 1965 व 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में हिस्सा लिया था. अपने साहसिक कार्यों के लिए वह वायुसेना में मशहूर थे. हालांकि, बाद में उन्होंने सांसारिक जीवन छोड़कर संन्यास ले लिया था.
20 अगस्त 2024 को ली अंतिम सांस
पायलट बाबा अपने आध्यात्मिक ज्ञान और साधना के लिए प्रसिद्ध हो चुके थे. उनके भक्त उन्हें पायलट बाबा के नाम से पुकारते थे. इसी वजह से वह इस नाम से प्रसिद्ध हुए. देश के प्रसिद्ध संत पायलट बाबा का निधन 20 अगस्त को दिल्ली के एक अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद हुआ. वह जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर भी थे. उनके निधन की जानकारी उनके इंस्टाग्राम अकाउंट से साझा की गई थी, जिसमें लिखा गया था कि उन्होंने महासमाधि ले ली है. जिसके बाद उन्हें हरिद्वार में समाधि दी गई.
पायलट बाबा की मौत पर साजिश का शक
हरिद्वार स्थित पायलट बाबा के आश्रम के साधु-संतों पर गंभीर आरोप लगे हैं, जिनमें इलाज में लापरवाही, करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी और अन्य अनियमितताएं शामिल हैं. इन आरोपों की जांच के लिए एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल के निर्देश पर एक विशेष जांच टीम का गठन किया गया है. यह टीम साधु-संतों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की गहराई से जांच करेगी.
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FIRST PUBLISHED :
November 26, 2024, 19:53 IST