Last Updated:February 03, 2025, 14:18 IST
JNU Story, NAAC Ghotala: काफी मेहनत और पढ़ाई-लिखाई के बाद ही कोई प्रोफेसर बनता है. पढ़ने लिखने वाले बच्चे अपने प्रोफेसर को बड़े सम्मान के साथ देखते हैं. कुछ तो उन्हें आदर्श भी मानने लगते हैं, लेकिन कई बार जब ...और पढ़ें
JNU Professor Story, NAAC Ghotala: इस प्रोफेसर ने अपनी प्रतिभा के दम पर कई उपलब्धियां हासिल की. कई सम्मान और पुरस्कार भी पाए लेकिन अब सीबीआई ने उन्हें अरेस्ट कर लिया है, जिसके बाद वह सुर्खियों में हैं तो आइए आपको बताते हैं इस प्रोफेसर की पूरी कहानी…
CBI Arrested Professor: सीबीआई की टीम ने नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (एनएएसी) रेटिंग के लिए रिश्वत मामले का खुलासा किया है. इसके लिए सीबीआई ने चेन्नई, बंगलूरू, विजयवाड़ा, पलामू, संबलपुर, भोपाल, बिलासपुर, गौतमबुद्ध नगर और नई दिल्ली समेत देश भर में कुल 20 जगहों पर छापेमारी की. छापेमारी के दौरान एनएएसी की निरीक्षण समिति के अध्यक्ष समरेन्द्र नाथ साहा और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के एक प्रोफेसर समेत कुल 10 लोगों को अरेस्ट किया गया. इन सभी पर रिश्वत लेकर एक शिक्षण संस्थान को A++ रेटिंग देने के आरोप हैं.
CBI Action In NAAC Rating Scam, JNU Professor: कौन हैं ये जेएनयू के प्रोफेसर
जेएनयू के इस प्रोफेसर का नाम राजीव सिजारिया है. वह एनएएसी के समन्यवक के पद पर भी थे. जेएनयू की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक राजीव सिजारिया ने फिजिक्स-इलेक्ट्रॉनिक्स में एम.एससी.किया. इसके बाद उनके पास मार्केटिंग मैनेजमेंट और ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट की डिग्री भी है. इसके अलावा राजीव ने मैनेजमेंट-कंज्यूमर बिहेवियर में पीएचडी की उपाधि ली थी. प्रोफेसर बनने से पहले उन्होंने चार साल कॉर्पोरेट की नौकरी भी की. राजीव सिजारिया 1 अगस्त 1998 -7 अगस्त 2000 तक किर्लोस्कर ऑयल इंजन लिमिटेड, पुणे में डिप्टी एरिया मैनेजर के पद पर रहे. इसके बाद उन्होंने
माजेस्टिक ऑटो लिमिटेड, लुधियाना में 9 अगस्त 2000 -31 अगस्त 2002 तक सीनियर मार्केटिंग ऑफिसर के पद पर नौकरी की.
Rajeev Sijariya Profile: सबसे पहले यहां की प्रोफेसर की नौकरी
राजीव सिजारिया सबसे पहले 11 सितंबर 2002 में झांसी के कॉलेज ऑफ साइंस एंड इंजीनियरिंग कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर एवं संस्थापक विभागाध्यक्ष, ह्यूमैनिटीज और मैनेजमेंट बने, जहां वह 30 जून 2004 तक रहे. इसके बाद वह अलग-अलग कॉलेजों में अलग-अलग पदों पर रहे. वह चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ में इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस स्टडीज के हेड और उप निदेशक भी रहे. इसके बाद उन्होंने 5 दिसंबर 2020 को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली के अटल बिहारी वाजपेयी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप में प्रोफेसर के पद पर ज्वाइन किया. तब से वह यहीं पर कार्यरत थे. अब सीबीआई ने रिश्वतखोरी घोटाले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.
First Published :
February 03, 2025, 14:18 IST