नई दिल्ली. अगर आप नई कार खरीदने जा रहे हैं, तो आपने शायद PDI यानी Pre-Delivery Inspection के बारे में सुना होगा. ये एक ऐसी प्रक्रिया है जिसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है, लेकिन यह आपकी नई कार के सही संचालन और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. PDI का मतलब होता है कि कार डिलीवरी से पहले उसकी पूरी तरह से जांच की जाए ताकि कोई भी तकनीकी या अन्य गड़बड़ी ग्राहक तक पहुंचने से पहले ही ठीक कर ली जाए. आइए समझते हैं कि PDI क्यों जरूरी है और इसे न करने से क्या नुकसान हो सकते हैं.
PDI क्या है?
PDI यानी Pre-Delivery Inspection एक विस्तृत जांच प्रक्रिया है, जो गाड़ी को ग्राहक को सौंपने से पहले की जाती है. इसमें गाड़ी के विभिन्न पहलुओं जैसे इंजन, टायर, इलेक्ट्रिकल सिस्टम, लाइट्स, ब्रेक, एसी और इंटीरियर की पूरी जांच की जाती है. इसके साथ ही कार के पेपरवर्क, जैसे इंश्योरेंस और अन्य दस्तावेजों की भी जांच की जाती है. कारी की PDI अच्छी तरह की जाए तो इसमें 1-2 घंटे के का समय लगता है. आप किसी पेशेवर व्यक्ति से अपनी नई कार की PDI करवा सकते हैं.
PDI क्यों है जरूरी?
नई कार फैक्ट्री से सीधे डीलरशिप तक पहुंचती है, लेकिन बीच के इस सफर में या असेंबली के दौरान कुछ तकनीकी समस्याएं हो सकती हैं. PDI इन सभी गड़बड़ियों को पकड़ने का एक जरिया है, ताकि आपको कोई डिफेक्टिव यूनिट न मिले. PDI यह सुनिश्चित करता है कि गाड़ी की सभी फीचर्स जैसे लाइट्स, वाइपर, एसी, म्यूजिक सिस्टम आदि ठीक से काम कर रहे हैं. अगर किसी भी फीचर में कोई समस्या हो तो उसे डिलीवरी से पहले ठीक किया जा सकता है.
इसके अलावा कार के पेंट, बॉडी और इंटीरियर की जांच भी इस प्रोसेस में होती है. इसमें यह सुनिश्चित किया जाता है कि गाड़ी में कोई डेंट, स्क्रैच या अन्य विजुअल डैमेज न हो.
PDI न करने के नुकसान
अगर PDI सही से नहीं की गई तो हो सकता है कि गाड़ी लेने के कुछ समय बाद आपको तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़े, जिससे गाड़ी की परफॉर्मेंस पर असर पड़ सकता है. कई बार डीलरशिप पर गाड़ियों की बड़ी संख्या होती है, और PDI को जल्दबाजी में या अधूरा किया जा सकता है. ऐसे में यदि ग्राहक खुद इस प्रोसेस में शामिल नहीं होते, तो छोटी-छोटी समस्याएं नजरअंदाज हो सकती हैं.
बिना PDI के गाड़ी में आई किसी समस्या का पता बाद में चलता है, तो आपको उसकी मरम्मत पर अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ सकता है. वहीं, यदि कोई बड़ी तकनीकी गड़बड़ी हो तो यह और भी महंगा साबित हो सकता है.
कैसे करें PDI?
जब आप नई कार लेने जाते हैं, तो डीलरशिप पर मौजूद PDI चेकलिस्ट की मदद से आप भी अपनी कार की जांच कर सकते हैं. इसमें कार के टायर, लाइट्स, इंजन ऑयल, बैटरी, ब्रेक और अन्य फीचर्स को जांचें. इसके अलावा, गाड़ी का VIN (Vehicle Identification Number) और अन्य पेपरवर्क सही है या नहीं, इसे भी सुनिश्चित करें.
नई कार खरीदने का उत्साह अपनी जगह है, लेकिन PDI एक जरूरी प्रक्रिया है जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. यह आपको भविष्य में आने वाली समस्याओं और अनावश्यक खर्चों से बचा सकता है. इसलिए, अगली बार जब आप अपनी नई कार लेने जाएं, तो PDI को जरूर सुनिश्चित करें.
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FIRST PUBLISHED :
October 21, 2024, 12:47 IST