कृपालपुर का ये धार्मिक स्थल अब बना फेमस पिकनिक स्पॉट
शिवांक द्विवेदी / सतना :सतना जिले के कृपालपुर में स्थित उर्मिला दास अखाड़ा अब धार्मिक आस्था के साथ-साथ पारिवारिक पिकनिक स्थल के रूप में भी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. संत उर्मिला दास जी के इस अखाड़े में हर दिन श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भीड़ बढ़ रही है, जहां लोग संत की अलौकिक शक्तियों और आध्यात्मिक साधना के प्रति गहरी श्रद्धा रखते हैं.
संत उर्मिला दास जी का जीवन और समाधि
संत उर्मिला दास जी एक प्रतिष्ठित संत थे, जिन्होंने 181 वर्ष की आयु में समाधि ली थी. उनके शिष्यों ने भी संत की प्रेरणा से आस-पास समाधि ली, और आज भी इन समाधियों का दर्शन करने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं. उर्मिला दास जी के समाधि स्थल को श्रद्धा और सम्मान से देखा जाता है. उनके अनुयायियों का मानना है कि संत उर्मिला दास जी के पास अलौकिक शक्तियाँ थीं, जिनसे वे असाधारण कार्य करने में सक्षम थे. कहा जाता है कि संत जी पानी में बिना डूबे पैदल चलने की शक्ति रखते थे, जो उनकी आध्यात्मिक शक्तियों का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है.
ध्यान और साधना का केंद्र
उर्मिला दास अखाड़ा, संत की चरण पादुकाओं के दर्शन के लिए भी प्रसिद्ध है. इस अखाड़े में उनके ध्यान करने का स्थान है, जो श्रद्धालुओं के लिए एक आदर्श ध्यान स्थल बन गया है. यहां पर लोग शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा की अनुभूति करने आते हैं. यह स्थान मानसिक शांति और आत्मिक उन्नति के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है.
पारिवारिक और धार्मिक आयोजन का स्थल
उर्मिला दास अखाड़ा न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह एक बेहतरीन पारिवारिक पिकनिक स्थल भी है. यहां मुंडन, व्रतबंद, मानस पाठ, और भंडारे जैसे धार्मिक आयोजनों का नियमित रूप से आयोजन किया जाता है. यह स्थल धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है, जिससे आसपास के क्षेत्र की धार्मिक समृद्धि को भी बढ़ावा मिल रहा है.
नगर निगम की सफाई व्यवस्था
उर्मिला दास अखाड़ा के निकट बहने वाली टमस नदी और अखाड़े के परिसर की सफाई व्यवस्था को नगर निगम द्वारा सुव्यवस्थित किया गया है. यह साफ-सुथरी व्यवस्था यहां की प्राकृतिक सुंदरता को बनाए रखने में सहायक सिद्ध हो रही है. अखाड़े में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण प्रदान किया जाता है, जिससे यहां की प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिकता एक साथ मिलकर एक आदर्श वातावरण का निर्माण करती है.
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FIRST PUBLISHED :
October 21, 2024, 14:44 IST