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BCCI Domestic rules: क्रिकेट के बदल गए नियम, अगर रिटायर हुए तो दोबारा नहीं मिलेगी बैटिंग, माना जाएगा आउट
नई दिल्ली. भारत में घरेलू क्रिकेट सीजन की शुरुआत के साथ ही कुछ नए नियम भी लागू होने जा रहे हैं. 11 अक्टूबर से शुरू हो रहे रणजी ट्रॉफी के मुकाबलों में अब रिटायर्ड हर्ट होने के बाद दोबारा बैटिंग करने की ‘सुविधा’ नहीं मिलने वाली है. गेंद पर थूक सलाइवा लगाने पर भी अब सिर्फ पेनाल्टी नहीं लगेगी. अब ऐसा होने पर गेंद ही बदल दी जाएगी.
बीसीसीआई ने घरेलू सीजन के लिए क्रिकेट के कई नियम बदल दिए हैं. इनमें बड़ा बदलाव पारी के बीच में रिटायर होने का है. कई बार ऐसा होता था कि कोई बैटर बिना बात के या दूसरों को मौका देने के लिए रिटायर हो जाता था. अगर टीम को जरूरत पड़ती तो वह दोबारा बैटिंग करने आता था. अब ऐसा नहीं होगा. बीसीसीआई ने साफ कर दिया है कि सिर्फ चोटिल होने पर ही ‘रिटायर्ड हर्ट’ की सुविधा होगी.
वेबसाइट क्रिकबज के मुताबिक नए नियम में साफ है कि अगर खिलाड़ी को खेलते वक्त चोट लग जाए तो वह पारी के बीच में रिटायर हो सकता है और उसे दोबारा बैटिंग करने की छूट भी मिलेगी. चोट के अतिरिक्त अगर किसी भी कारण से बैटर पारी के बीच में रिटायर होता है तो उसे दोबारा बैटिंग का मौका नहीं दिया जाएगा. यह नियम सिर्फ उस पारी में ही नहीं, बल्कि सुपरओवर (अगर जरूरत पड़ी) में भी लागू होगा.
बीसीसीआई ने बॉल में सलाइवा (लार) लगाने के नियम में भी एक बात जोड़ दी है. पहले अगर कोई टीम बॉल पर सलाइवा लगाती थी तो उस पर जुर्माना लगता था. अब उस पर जुर्माना तो लगेगा ही, बॉल भी तुरंत बदल दी जाएगी. बता दें कि ये नियम सिर्फ बीसीसीआई के मैचों के लिए हैं. बाकी दुनिया में वही नियम चलेंगे, जो आईसीसी ने तय किए हैं.
Tags: BCCI Cricket, ICC Rules, Ranji Trophy
FIRST PUBLISHED :
October 11, 2024, 07:26 IST