जोधपुरः राजस्थान के जोधपुर जिले में लगातार साइबर ठगी का मामला सामने आ रहा है. साइबर ठग अधिकांश तौर पर डॉक्टर व रिटायर्ड अधिकारियों को अपना निशाना बना रहे हैं. आईआईटी की प्रोफेसर, महिला डॉक्टर, एक व्यापारी, और एक मेडिकल कॉलेज डीन के साथ ठगी होने के बाद अब एक बार फिर डिजिटल ठग गिरोह ने एक डॉक्टर को निशाना बनाया है. बदमाशों ने उनके अकाउंट में पाकिस्तान से फंडिंग आने के नाम पर डराया-धमकाया और डिजिटल अरेस्ट कर लिया. इस दौरान उन्होंने डॉक्टर से 9 लाख रुपये ठग लिए.
साइबर ठगों ने डॉक्टर को बनाया निशाना
साइबर ठगों ने इस बार स्वास्थ्य विभाग ने चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्यरत डा मोहम्मद शाकिर गौरी को निशाना बनाया. बदमाशों ने वही पुराने अंदाज में पार्सल में निषिद्ध सामग्री और पाकिस्तान से फंडिंग तथा मानव तस्करी के नाम पर डराया-धमकाया और करीब 24 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा. बताया जा रहा है कि जब डॉक्टर ड्यूटी पर चले गए तो उन्हें धमकाया और वापस बुलाकर उनके खाते से 9 लाख रुपए ट्रांसफर करवा दिए. इसके बाद ठगों ने उनका फोन ही उठाना बंद कर दिया. डॉक्टर को अपने साथ हुई ठगी का पता चला तो उसने सदर कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज करवाया.
6 अक्टूबर को डॉक्टर को आया पहला फोन
एसीपी सेंट्रल मंगलेश चूंडावत ने बताया नागौरी गेट के महावतों की मस्जिद के क्षेत्र में रहने वाले 49 वर्षीय डॉ. मो. शाकिर गौरी ने लिखित रिपोर्ट देकर बताया कि वह बालेसर में चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं. उनके पास गत 6 अक्टूबर को कॉल आया, जिसमें किसी पार्सल के बारे में बताया गया और अधिक जानकारी के लिए 1 दबाने के लिए कहा. 1 दबाने पर एक व्यक्ति ने अपना नाम अमित शर्मा बताया. उसने किसी पार्सल को उनके नाम से बुक होने की बात कही.
पार्सल में ड्रग्स होने की कही बात
जब परिवादी ने ऐसा कोई पार्सल बुक नहीं होने की बात कॉलर को बताई तो उसने कहा कि आपके नाम से दिल्ली से थाईलैंड कोई पार्सल बुक है और यह दिल्ली एयरपोर्ट पर पकड़ा गया है, जिसमें 5 पासपोर्ट, 3 क्रेडिट कार्ड, 4.2 किलो कपड़े, 1 लैपटॉप और 1.4 ग्राम एमडी ड्रग्स होना बताया. जबकि डॉक्टर इससे कोई ताल्लुक होने से इंकार करते रहे. पाकिस्तान फंडिंग के नाम पर डराया और कहा कि दो घण्टे में दिल्ली पहुंचो. साइबर ठगों ने डॉक्टर को डरा धमकाकर कहा कि आपको दो घंटे में दिल्ली क्राइम ब्रांच पहुंचना होगा.
मानव तस्करी की बात कहकर डॉक्टर को धराया
जब परिवादी ने उसने कहा कि जोधपुर राजस्थान रहता हूं? कैसे आ सकता हूं? तो ठगों ने कहा कि ठीक है. हम आपको वॉट्स एप वीडियो कॉल करेंगे. वीडियो कॉल करने वाले ने खुद को आईपीएस समाधान पंवार बताया और कहा कि आपके लोकल बैंक और लोकल पॉलिटिकल और पुलिस की मिलीभगत से यह खाता खोला गया है, जो संचालित हो रहा है. इस खाते से पाकिस्तान से भी फंडिंग हुई है। इन 5 पासपोर्ट में 3 पाकिस्तान के हैं। जब डॉक्टर ने ऐसा सब कुछ होने से इनकार किया तो उन्होंने कहा कि यह मामला मानव तस्करी का है.
करीब 24 घंटे रखा डिजिटल अरेस्ट
साइबर ठगों ने डॉक्टर को आश्वासन दिया कि अगले 24 घंटे तक वह यदि सहयोग करेंगे तो इस पूरे मामले से बच जाएंगे. उन्होंने मानसिक तौर पर डॉक्टर को इतना डराया की जैसा वह बोल रहे थे डॉक्टर वैसा ही कर रहा था. उन्होंने डॉक्टर को कहा कि इस बीच पर मोबाइल को बंद नहीं करेंगे और इस घटना के बारे में किसी से भी बात नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि आप हमारी सर्विलांस पर हो और इस काल के बारे में यदि किसी से बात करोगे तो आपकी मुसीबत बहुत बढ़ाने वाली है.
ड्यूटी पर गए डॉक्टर को धमकाकर घर बुलाया
दूसरे दिन 7 अक्टूबर को डॉक्टर अपने नियमित जीवन के अनुसार ड्यूटी पर चले गए. इस पर साइबर ठगों ने फोन कर उन्हें धमकाया और कहा कि आप ड्यूटी पर कैसे चले गए. ड्यूटी पर जाने से पहले हमें पूछना चाहिए था. उन्होंने कहा कि आगे से ऐसी गलती करोगे तो फिर फसोगे तो तुम खुद जिम्मेदार रहोगे इस पर डॉक्टर ने कहा अब मुझे क्या करना चाहिए तब उन्होंने कहा छुट्टी लेकर घर आ जाओ। डॉक्टर जैसे ही घर पहुंचे फिर से वीडियो कॉल पर उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया और इस दौरान ठगों ने आरटीजीएस के जरिए एचडीएफसी बैंक के खाते में यह कहकर रुपए डलवाए कि 6 घंटे बाद यह रुपए वापस अपने आप खाते में आ जाएंगे.
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FIRST PUBLISHED :
October 11, 2024, 09:53 IST