मेरठ में यहां बंगाल की तर्ज पर होती है दुर्गा पूजा, 218 साल पुराना है इतिहास

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मेरठ

मेरठ में दुर्गा पूजा.

 विशाल भटनागर/ मेरठ : यूं तो नवरात्र में आपको घर-घर मां देवी के उपासक विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करते हुए दिखाई देंगे. विभिन्न मंदिरों में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मेरठ सदर स्थित दुर्गाबाड़ी की अगर बात की जाए तो यहां पर बिल्कुल बंगाल जैसा नजारा देखने को मिलता है. जहां विधि विधान के साथ बंगाली परिवारों के द्वारा मां दुर्गा की पूजा अर्चना की जाती है. पूजा इसलिए भी खास है क्योंकि पिछले 218 सालों से निरंतर यहां बंगाल की तर्ज पर ही मां दुर्गा की पूजा होती आ रही है. ऐसे में लोकल-18 की टीम ने बंगाली परिवारों से खास बातचीत की.

बंगाल से ही आते हैं कारीगर और पुजारी 

अभिवनव घोष ने बताया कि 218 साल पहले बंगाल की तर्ज पर ही यहां पर भी दुर्गा पूजा का शुभारंभ किया गया था. तब से लेकर अब तक निरंतर इसी तरह से पूजा अर्चना की जा रही है. यह साल 218 वां है. उन्होंने बताया कि मां दुर्गा की महिषासुर मर्दिनी रुप में मूर्ति को तैयार करने के लिए भी बंगाल के मूर्तिकार बुलाए जाते हैं. साथ ही पंचमी से लेकर  दशमी तक विधि विधान के साथ जो पूजा अर्चना शास्त्रों में लिखी हुई है, उसी तरह से यहां पूजा अर्चना कराई जाती है. जिसके लिए पुजारी भी बंगाल से ही बुलाए जाते हैं. उन्होंने बताया कि यह पूजा बंगाली परिवारों के लिए बेहद खास होती है. इसीलिए ही विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है.

 घर आने पर किया जाता है स्वागत

बताते चलें कि यह पूजा इसलिए खास होती है, क्योंकि इस दिन नवरात्रों में मां अपने घर आती है. ऐसे में जिस तरह से बेटी आती है, उसके स्वागत के लिए परिवार के सदस्य विभिन्न तरह के आयोजन करते हैं. ऐसे ही मां दुर्गा के स्वागत के लिए विधि विधान के साथ पूजा अर्चना एवं खान-पान से संबंधित हर तरह की चीज तैयार की जाती है. उन्होंने बताया कि मां के सिंगार की अगर बात की जाए तो वह असली सोने – चांदी और हीरे के आभूषण होते हैं. जब मां की दशमी के दिन विदाई होती है, तब सिंदूरा खेला खेला जाता है. जो कि वैवाहिक महिलाएं खेलती हैं

परिवार का हर सदस्य रहता है मौजूद

उज्जवल बताते हैं कि वह जॉब करते हैं, लेकिन जब नवरात्रि आते हैं तब उनके परिवार का कोई भी सदस्य चाहे देश में हो या विदेश में हो किसी भी क्षेत्र में रह रहा हो वह पंचमी के दिन अपने घर आ जाता है और जब तक मां भगवती की पूजा अर्चना होती है, सभी इसमें अपनी भूमिका निभाते हुए पूजा अर्चना करते हैं. क्योंकि यह नवरात्रि उनके परिवार के लिए बेहद खास होती है. बताते चलें कि यहां दूर दराज से भी श्रद्धालु मां दुर्गा की पूजा अर्चना करने भी पहुंचते हैं. धुनुची नृत्य हित विभिन्न प्रकार कार्यक्रम बंगाली परिवार द्वारा आयोजित किए जाते हैं.

Tags: Durga Pooja, Hindi news, Local18

FIRST PUBLISHED :

October 11, 2024, 11:42 IST

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