बहुत काम का है ये पौधा, तने से लेकर पत्ते तक का होता है इस्तेमाल, बढ़ी डिमांड

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केले

केले के पत्ते.

बुरहानपुर: पर्यावरण सुरक्षित रहे इसके लिए अब सामाजिक संस्थाओं के साथ आम लोग भी जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं. इसी क्रम में मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले का नाम आता है, जहां के लोग केले के पत्तों के इस्तेमाल के लिए जनता को जागरुक कर रहे हैं. ये काम इन लोगों के लिए इसलिए भी आसान है क्योंकि यहां 22000 हेक्टेयर में केले की खेती होती है. इस वजह से केले के पत्ते भी आसानी से मिल जाते हैं. इस प्लांट की खास बात ये है कि इसके तने से लेकर पत्ते तक सबका इस्तेमाल किया जा सकता है. इस कारण ये डिमांड में भी रहता है.

जनता से की जा रही अपील
सार्वजनिक भंडारों में केले के पत्तों का इस्तेमाल किया जाए इसका बेड़ा आम लोगों ने भी उठाया है. ये जनता को जागरूक करने के लिए वीडियो संदेश द्वारा पंडाल में जाकर जानकारी दे रहे हैं. पर्यावरण बना रहे और प्लास्टिक के पत्तों का ना इस्तेमाल करते हुए केले की पत्तलों का भंडारे में इस्तेमाल किया जाए ताकि पर्यावरण को कोई नुकसान ना हो, ऐसा सामाजिक संगठन भी अपील कर रहें हैं और यहां के लोग भी.

सामाजिक संगठनों ने दी जानकारी 
लोकल 18 की टीम को समाज सेवी माधुरी अतुल पटेल ने जानकारी देते हुए बताया कि बुरहानपुर जिले में 22000 हेक्टेयर में केले की खेती होती है. यहां पर केले के पत्ते आसानी से मिल जाते हैं. इसलिए उन्होंने सभी लोगों से केले के पत्ते का भंडारे में इस्तेमाल करने की अपील की है. इससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होगा और किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी.

क्या कहा किसानों ने 
लोकल 18 की टीम को किसान सुनील महाजन ने जानकारी देते हुए बताया कि केले का पौधा ऐसा होता है, जिसके तने से लेकर पत्ते तक हम बेचते हैं और हमारी अच्छी आमदनी होती है. भंडारा हो या धार्मिक आयोजन उसमें केले के पत्ते पर भोजन करने का विशेष महत्व होता है. इसलिए लोग इन पत्तों की खरीदारी हमसे करते हैं,  जिससे हमारी आय और बढ़ जाती है. केले के तने से लेकर पत्ते तक हम इन दिनों बेच रहे हैं. इस बार भंडारे में भी पत्तों का इस्तेमाल करने की अपील हो रही है. बता दें बुरहानपुर जिले में 200 से अधिक सार्वजनिक पंडालों में भंडारे होते हैं, जहां पर केले के पत्तलों का इस्तेमाल होता है.

Tags: Agriculture Market, Local18, Madhya pradesh, Madhya Pradesh farmers, Special Project

FIRST PUBLISHED :

October 11, 2024, 11:45 IST

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