Agency:Local18
Last Updated:January 22, 2025, 10:27 IST
Turmeric farming Success Story: भावनगर के उमराला तालुका के अलमपर गांव के किसान गोहिल विजयसिंह परबतसिंह हल्दी का पाउडर बनाकर 8 महीनों में 8 लाख रुपये कमा रहे हैं.
भावनगर: आजकल किसान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं और साथ ही फसल का दाम बढ़ाकर बेच रहे हैं. इससे किसानों को अच्छे दाम मिलते हैं और खेती की आय दोगुनी हो गई है. सौराष्ट्र के हर जिले में कई किसान प्राकृतिक फसल का दाम बढ़ा रहे हैं. भावनगर जिले के उमराला तालुका के अलमपर गांव के किसान गोहिल विजयसिंह परबतसिंह प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. पिछले 8 साल से प्राकृतिक खेती से जुड़े हुए हैं. किसान हल्दी की खेती करते हैं और हल्दी का पाउडर बनाकर बेचते हैं.
प्राकृतिक खेती से बढ़ा मुनाफा
दरअसल, भावनगर जिले में बड़ी संख्या में किसान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. उमराला तालुका के अलमपर गांव के किसान गोहिल विजयसिंह परबतसिंह भी प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. पहले किसान कपास सहित अन्य फसलों की खेती करते थे, लेकिन गांव के ही एक किसान ने हल्दी की खेती की थी. वह किसान हल्दी की खेती में सफल हुए थे. उस किसान से प्रेरणा लेकर विजयसिंह गोहिल ने भी हल्दी की खेती शुरू की और पिछले सात साल से हल्दी की खेती कर रहे हैं. इस साल आठ बीघा में हल्दी की खेती की है.
लोकल 18 से बात करते हुए किसान विजयसिंह गोहिल ने बताया, “मैं 15 साल से खेती से जुड़ा हूं और पिछले आठ साल से प्राकृतिक खेती कर रहा हूं. साथ ही सात साल से हल्दी की खेती कर रहा हूं. हल्दी की बुवाई के समय देशी खाद का उपयोग किया जाता है. बाद में समय-समय पर जीवामृत का छिड़काव किया जाता है. जीवामृत मैं खुद बनाता हूं. रोग और कीट नियंत्रण के लिए खट्टी छाछ का उपयोग किया जाता है. साथ ही इस फसल में वन्य प्राणियों का खतरा नहीं रहता.”
हल्दी की प्रोसेसिंग का तरीका
किसान ने आगे बताया, “हल्दी की फसल तैयार होने में आठ महीने का समय लगता है. बाजार में बेचने के लिए हल्दी सात महीने में तैयार हो जाती है. मैं हल्दी का पाउडर बनाता हूं इसलिए आठ महीने में फसल तैयार होती है. आठ महीने बाद हल्दी को बाहर निकाला जाता है. फिर उसे बॉयलर में उबालकर प्रोसेस किया जाता है और हल्दी का पाउडर तैयार किया जाता है. एक किलो के पैकिंग में बेचते हैं.”
25 लाख कमाई, 6 राज्यों में डिमांड! महिला ने बेटियों के लिए सिर्फ 12,000 रुपये से शुरू किया ये बिजनेस
कम लागत, अधिक मुनाफा
किसान ने आगे कहा, “हल्दी का पाउडर तैयार कर पैकिंग की जाती है और उसे बेचा जाता है. गुजरात और गुजरात के बाहर भी इसकी पैकिंग की जाती है. एक किलो का भाव 250 रुपये मिलता है. हल्दी की बुवाई से लेकर पाउडर बनाने तक एक बीघा में 20 हजार रुपये का खर्च आता है और इसके बदले एक लाख रुपये की आय होती है. फिलहाल आठ बीघा में बुवाई की है.”
First Published :
January 22, 2025, 10:27 IST
खेती बदल देगी जिंदगी! ये किसान बनाता है हल्दी पाउडर और 8 महीने में कमाता 8 लाख