गांधी परिवार यूं ही नहीं बनाई है दूरी... भूपेंद्र हुड्डा को कर दिया है खबरदार

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Haryana Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का पूरा प्रचार अभियान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के इर्द-गिर्द घूम रही है. पूरे हरियाणा में या तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा की धूम है या फिर उनके सांसद बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा की चर्चा है. बाप-बेटे की जोड़ी पर 10 साल बाद कांग्रेस को हरियाणा में वापसी का जिम्मा है. लेकिन, अगर नाकामयाबी हासिल होती है तो इसका खामियाजा भी बाप-बेटे की जोड़ी को ही भुगतना पड़ेगा. ऐसा कांग्रेस के मौजूदा हालात से पता चल रहा है. कांग्रेस सूत्रों की मानें तो गांधी परिवार ने साफ कर दिया है कि यह जीत होती है तो भी हार होती है तो भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा का अंतिम राजनीतिक पारी होगा. बता दें कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि कांग्रेस हरियाणा में अच्छी स्थिति में है, लेकिन कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला की नाराजगी अगर भारी पड़ गई तो दंड सैलजा या रणदीप को नहीं, बाप-बेटे को मिलना तय माना जा रहा है.

क्यों सोनिया, राहुल और प्रियंका भी हैं हरियाणा से दूर
हरियाणा को करीब से जानने वाले वरिष्ठ पत्रकार संजीव पांडेय कहते हैं, ‘इसमें कोई दो राय नहीं है कि कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को लेकर जबरदस्त उत्साह है. इसके कई कारण हैं. एक तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा जाट हैं और हाल के वर्षों में हरियाणा के हर इलाके में वह गए हैं. दूसरी बात यह है कि बीजेपी सरकार के खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी फैक्टर भी काम कर ही है. 10 साल बीजेपी के शासन के बाद यह भी जनता के मूड में है. किसान आंदोलन भी इसकी सबसे बड़ी वजह है. यही कारण है कि हर वर्ग के किसानों में हुड्डा की पूछ हो रही है. शायद कांग्रेस आलाकमान भी यह बात समझ रही है, इसलिए भूपेंद्र सिंह हुड्डा को खूली छूट दे दी है. लोकसभा चुनाव में हुड्डा ने रिजल्ट दिया है.’

हरियाणा चुनाव में बाप-बेटी की जोड़ी को आखिरी मौका
हरियाणा को नजदीक से जानने वाले वरिष्ठ पत्रकार मनीष कुमार कहते हैं, ‘कांग्रेस आलाकमान ने हुड्डा को खुली छूट दे दी है. यह तो अब साफ-साफ दिखाई दे रहा है. सैलजा चुनाव प्रचार से आउट हैं. सरजेवाला भी बाहर हैं. हालांकि, सरजेवाला फैक्टर इतना कांग्रेस को नुकसान नहीं पहुंचाएगा, जितना सैलजा फैक्टर नुकसान पहुंचा रहा है. सैलजा दलित हैं और इसलिए बीजेपी ने दलितों का वोट हासिल करने के लिए सैलजा का मुद्दा उछाल रखा है. हो सकता है सिरसा और हिसार के हिस्सों में कांग्रेस को डेंट लगे. लेकिन इस इलाके में कांग्रेस पहले से ही काफी मजबूत है.’

सैलजा और सुरजेवाला इसलिए हैं गायब
आपको बता दें कि कुमारी सैलजा चुनाव प्रचार से गायब हैं और बीजेपी के ऑफर आने के बाद भी बोल रही हैं कि मैं कांग्रेस छोड़ कर कहीं नहीं जाउंगी. यही बात सुरजेवाला भी बोल रहे हैं. वो भी चुनाव प्रचार से गायब हैं. इस घटनाक्रम पर आलाकमान चुप है. खासकर प्रियंका गांधी और राहुल गांधी भी कुछ नहीं बोल रहे हैं. अगर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की बात करें तो उनका हरियाणा में कल ही सभा हुई है. लेकिन, इस सभा से सैलजा ने दूरी बना ली और नहीं गईं.

भूपेंद्र सिंह हुड्डा का राजनीति में आखिरी पारी होगा यह चुनाव?
हरियाणा चुनाव से सोनिया गांधी भी दूरी बना रखी हैं. राहुल और प्रियंका भी अभी तक दूरी बना रखी है. कांग्रेस सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी आने वाले दिनों में बड़ी सभा करने के बजाए जनता से गांव-गांव जाकर मिलेंगे. यानी फिर रोड शो करेंगे. ऐसे में आप कह सकते हैं कि सैलजा और सुरजेवाला हरियाणा चुनाव के रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं. दोनों इंतजार कर रहे हैं कि हुड्डा बाप-बेटे की जोड़ी अगर आउट होंगे तो मैदान में वे दोनों बैटिंग के लिए उतरेंगे.

Tags: Bhupendra Singh Hooda, Gandhi Family, Haryana predetermination 2024

FIRST PUBLISHED :

September 23, 2024, 20:06 IST

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