न्यूयॉर्क:
अमेरिका के न्यूयॉर्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार रात को संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) यानी UNGA में 'समिट फॉर फ्यूचर' को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने आतंकवाद को दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया. प्रधानमंत्री ने कहा, "वैश्विक शांति और विकास के लिए ग्लोबल संस्थाओं में रिफॉर्म जरूरी है. भारत 250 मिलियन लोगों को गरीब से बाहर निकालकर हमने दिखाया है कि समावेशी विकास सफल हो सकता है. पूरी मानवता के हितों की रक्षा के लिए भारत मनसा, वाचा, कर्मणा यानी मन-वचन और कर्म से काम करता रहेगा."
पीएम मोदी ने कहा, "भारत ग्लोबल भलाई के लिए अपना डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर पूरे विश्व से शेयर करने को तैयार है. भारत के लिए वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर एक कमिटमेंट है. भारत वन अर्थ, वन हेल्थ, वन सन, वन वर्ल्ड जैसे इनिशिएटिव में भी दिखाई देता है."
PM मोदी ने कहा, "विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की ओर से 140 करोड़ भारतवासियों की ओर से आप सभी को नमस्कार. जून में अभी अभी मावन इतिहास के सबसे बड़े चुनाव में भारत के लोगों ने मुझे लगातार तीसरी बार सेवा का असवर दिया. आज मैं मानवता के छठे हिस्से की आवाज आप तक पहुंचाने आया हूं. जब हम ग्लोबल फ्यूचर की बात कर रहे हैं, तो ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच सबसे पहले होनी चाहिए. सस्टेनेबल डेवलपमेंट को प्राथमिकता देते हुए हमें मावन कल्याण, खाना, स्वास्थ्य सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी होगी..."
PM मोदी ने कहा, "भारत ने 250 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकालकर ये दिखाया है कि सस्टेनेबल डेवलपमेंट सफल हो सकता है. सफलता के हमारे इस अनुभव को हम ग्लोबल साउथ के देशों के साथ शेयर करने को तैयार हैं. मानवता की सफलता जंग के मैदान में नहीं, बल्कि हमारे सामूहिक शक्ति (ताकत) में निहित है. इसके लिए वैश्विक शांति और विकास के लिए ग्लोबल संस्थाओं में सुधार जरूरी हैं. Reforms is the cardinal to Relevance. यानी सुधार ही प्रासंगिकता की कुंजी है."
Speaking astatine Summit of the Future astatine the @UN. https://t.co/lxhOQEWEC8
— Narendra Modi (@narendramodi) September 23, 2024PM मोदी ने कहा, "अफ्रीकी यूनियन को नई दिल्ली समिट में हुए G-20 की स्थायी सदस्यता देना इसी दिशा में उठाया गया एक अहम कदम था. वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए एक तरफ आतंकवाद जैसा बड़ा खतरा है. दूसरी तरफ साइबर, मैरीटाइम, स्पेस जैसे कई संघर्ष के नए-नए मैदान भी बन रहे हैं. इन सभी विषयों पर मैं जोर देकर कहूंगा कि Global enactment indispensable lucifer planetary ambition."
UN चीफ एंटोनियो गुटेरेस इस समिट को 2021 में करने की बात कही थी. लेकिन कोरोना की वजह से ये हो ना सका. अब यह 3 साल की देरी पर हो रहा है. इस समिट में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) समेत UN के 193 देशों के नेता हिस्सा ले रहे हैं.
'समिट फॉर फ्यूचर' का मकसद धरती के भविष्य को आने वाले खतरों से बचाना है. 2015 में UN ने दुनिया के खतरों को पहचानते हुए 17 गोल वर्ल्ड लीडर्स के सामने रखे थे. लगभग 10 साल पूरे होने को हैं इनमें से सिर्फ 17% गोल ही अचीव हो पाए हैं. 1970 से 2021 के बीच क्लाइमेट चेंज की वजह से 11,778 आपदाओं में 20 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. इस समिट में ग्लोबल पीस, सस्टेनेबल डेवलपमेंट, क्लाइमेट चेंज, मानवाधिकार और जेंडर जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई.