गिरिडीह का हरिहर धाम: 65 फीट ऊंचे शिवलिंग वाले मंदिर की विशेष मान्यता, जानें

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गिरिडीह: झारखंड का एक प्रमुख धार्मिक स्थल, हरिहर धाम मंदिर, अपनी अद्वितीय संरचना और मान्यताओं के कारण दूर-दूर से भक्तों को आकर्षित करता है. यह मंदिर भारत के सबसे ऊंचे शिवलिंग में से एक के लिए प्रसिद्ध है, जिसकी ऊंचाई 65 फीट है. यहां हर साल लाखों शिवभक्त दर्शन करने आते हैं, विशेषकर सावन के महीने में, जब इस मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना और सांपों का मेला आयोजित किया जाता है.

हरिहर धाम का इतिहास और निर्माण
गिरिडीह जिले के उत्तर-पूर्व में बगोदर प्रखंड के जंगलों में स्थित हरिहर धाम मंदिर का निर्माण 1980 में शुरू हुआ था. इस शिव मंदिर की नींव एक विद्वान, अमरनाथ मुखोपाध्याय ने रखी थी. कहा जाता है कि अमरनाथ जी ने सांसारिक जीवन का त्याग कर पैदल यात्रा के दौरान इस स्थान पर आकर रुके थे. उन्हें यहां की प्राकृतिक सुंदरता और शांति ने आकर्षित किया, जिसके बाद उन्होंने यहां एक मंदिर की स्थापना का संकल्प लिया. स्थानीय लोगों की मदद से यह मंदिर अस्तित्व में आया और इसमें लगभग 30 साल का समय लगा.

मंदिर का परिसर 25 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें भगवान शिव के अलावा माता पार्वती, भगवान गणेश, और राधा-कृष्ण समेत अन्य देवी-देवताओं की भी मूर्तियां स्थापित हैं.

शिवलिंग की विशेषता
हरिहर धाम के इस शिव मंदिर की सबसे खास बात यहां स्थित 65 फीट ऊंचा शिवलिंग है, जो इसे भारत के सबसे ऊंचे शिवलिंग में से एक बनाता है. भक्त इस अद्वितीय शिवलिंग को देखने और उसकी पूजा करने के लिए यहां आते हैं. मंदिर प्रशासन के सदस्य भीम प्रसाद यादव ने लोकल 18 को बताया कि शिवलिंग के नीचे एक गर्भगृह बनाया गया है, जहां एक और आकर्षक शिवलिंग है, जिसकी पूजा भक्त नियमित रूप से करते हैं.

मंदिर के निर्माण में करीब तीन दशक लगे, और बाद में स्थानीय ग्रामीणों ने मंदिर के नवीनीकरण का कार्य किया.

सावन में विशेष आयोजन और सांपों का मेला
हरिहर धाम में सावन के महीने का विशेष महत्व है. इस पवित्र महीने के दौरान यहां बड़ी संख्या में शिवभक्त आते हैं और विशेष पूजाएं की जाती हैं. इसके साथ ही, सावन पूर्णिमा के अवसर पर यहां सांपों का मेला भी लगता है, जो इस मंदिर की एक और खासियत है. यह मेला शिवभक्तों के बीच अत्यधिक लोकप्रिय है और इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं.

मंदिर के दर्शन का समय
हरिहर धाम मंदिर भक्तों के लिए प्रतिदिन सुबह 5 बजे से रात 8 बजे तक खुला रहता है. इस समय के दौरान भक्त गर्भगृह में जाकर शिवलिंग के दर्शन कर सकते हैं और पूजा-अर्चना कर सकते हैं. यहां का शांत वातावरण और आध्यात्मिक माहौल लोगों को मानसिक शांति और आस्था की अनुभूति कराता है.

मंदिर का धार्मिक महत्व
हरिहर धाम न केवल अपनी अद्वितीय संरचना के लिए, बल्कि इसकी धार्मिक महत्ता के कारण भी प्रसिद्ध है. शिवभक्त मानते हैं कि यहां पूजा करने से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है. मंदिर में हर दिन सैकड़ों भक्त दर्शन करने आते हैं, और विशेष अवसरों पर यह संख्या हजारों तक पहुंच जाती है.

निष्कर्ष
हरिहर धाम मंदिर, गिरिडीह जिले का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो अपनी अद्वितीय 65 फीट ऊंची शिवलिंग संरचना और गहरे धार्मिक महत्व के कारण देश भर के भक्तों को आकर्षित करता है. सावन के महीने में यहां विशेष आयोजनों के साथ-साथ सांपों का मेला भी लगता है, जो इसे और भी खास बनाता है. यदि आप भगवान शिव के भक्त हैं या धार्मिक स्थलों की यात्रा के शौकीन हैं, तो हरिहर धाम मंदिर आपके लिए एक आदर्श स्थान है.

Tags: Giridih news, Hindu Temple, Local18, Lord Shiva, Religion, Shiva Temple

FIRST PUBLISHED :

October 12, 2024, 13:52 IST

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