Agency:Local18
Last Updated:January 22, 2025, 17:00 IST
Organic farming: अमरेली के किसान घनश्यामभाई ने जैविक खेती अपनाकर सूखे इलाके में आम उगाने का सपना सच कर दिखाया. 20 बीघा जमीन पर खेती कर उन्होंने सालाना 25 लाख रुपये कमाए.
गुजरात के अमरेली जिले के कुकावाव तालुका के अमरापुर गांव में खेती के क्षेत्र में क्रांति हो रही है. यहां के 38 वर्षीय किसान घनश्यामभाई राजपारा ने जैविक खेती को अपनाकर मिसाल कायम की है. एक समय था जब इस इलाके में आम की खेती को असंभव माना जाता था. लेकिन घनश्यामभाई ने यह साबित कर दिया कि सच्ची मेहनत और सही दृष्टिकोण से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है.
कीटनाशकों के व्यापार से खेती तक का सफर
घनश्यामभाई पहले कीटनाशकों के व्यवसाय से जुड़े थे. उन्होंने 15 साल तक एग्रो बिजनेस किया और हर साल 25 लाख रुपये की कमाई की. लेकिन कीटनाशकों के अधिक उपयोग से पर्यावरण को नुकसान और मिट्टी की खराब हालत ने उन्हें सोचने पर मजबूर कर दिया. उन्होंने यह व्यवसाय बंद कर जैविक खेती की राह पकड़ी.
प्राकृतिक खेती का संकल्प
सुभाष पालेकर के प्रेरणादायक विचारों से प्रभावित होकर घनश्यामभाई ने जैविक खेती शुरू की. उन्होंने अपनी जमीन पर आम, चीकू, अनार, अमरूद और काजू जैसे फलों के पौधे लगाए. इन मिश्रित फसलों के साथ-साथ बैंगन, तुरिया, गलका और मिर्च जैसी सब्जियां भी उगाई. अब उनकी जमीन बारह महीने हरियाली से लहलहाती है.
25 लाख की सालाना कमाई
घनश्यामभाई ने 20 बीघा जमीन पर जैविक खेती का मॉडल तैयार किया है. यहां मूंगफली, चना, धनिया, तुवर जैसी फसलें उगाई जाती हैं. इन फसलों को वे मूल्य संवर्धन के साथ बाजार में बेचते हैं, जिससे उनकी सालाना कमाई 25 लाख रुपये से भी अधिक हो जाती है.
आलोचना से सफलता तक का सफर
शुरुआत में गांव वालों ने घनश्यामभाई के फैसले पर सवाल उठाए. जब उन्होंने सूखे इलाके में आम के पौधे लगाए, तो लोगों ने इसे पागलपन कहा. लेकिन चार साल की मेहनत के बाद जब आम के पेड़ फलों से लदे, तो हर कोई हैरान रह गया. उनके प्रेरक कदम ने गांव के अन्य किसानों को भी जैविक खेती की ओर प्रेरित किया. आज उनके गांव में 3,000 से ज्यादा आम के पौधे लगाए जा चुके हैं.
First Published :
January 22, 2025, 16:58 IST
चमत्कारी किसान! बंजर जमीन को उपजाऊ बनाया, अब खेती कर 25 लाख से ज्यादा कमा रहे