Last Updated:January 22, 2025, 18:56 IST
मलाइका अरोड़ा, भारती सिंह, शहनाज गिल और राम कपूर जैसे सितारे इंटरमिटेंट फास्टिंग के जरिए अपना वजन घटा चुके हैं. क्या ये डाइट पैटर्न ही वजन घटाने का सबसे अच्छा तरीका है? जानें इसके कई फायदे और नुकसान के बारे म...और पढ़ें
Advantages & Disadvantages of Intermittent Fasting: भारती सिंह, शहनाज गिल, राम कपूर… इन तीनों में क्या कॉमन है? अगर आपसे ये सवाल पूछा जाए तो आपको जवाब होगा कि ये तीनों ही सेलीब्रिटी हैं. या ये तीनों ही ऐसे सेलिब्रिटीज हैं, जिन्होंने अपनी वेट लॉस जर्नी से लोगों को हैरान कर दिया. लेकिन एक और बात है, जो इन तीनों में बहुत ही कॉमन है. वह है इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting), जिसके माध्यम से इन तीनों ने अपना वजन घटाया है. डाइटिंग के इस अंदाज के बारे में आपने खूब सुना होगा. लेकिन क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग 8 घंटे खाना, 16 घंटे भूखे रहना ही है? चलिए हम आपको बताते हैं कि इसके पीछे का विज्ञान क्या है, ये कैसे आपके शरीर पर काम करता है. साथ ही इस फास्टिंग के पैटर्न के क्या आपके शरीर पर नुकसान या कोई फायदे हैं?
Intermittent Fasting एक खाने की दिनचर्या है जिसमें खाने और भूखे रहने यानी फास्टिंग के समय को घंटों में बांट लिया जाता है. इस तरह की डाइट या लाइफस्टाइल पैटर्न में, आप कुछ निश्चित घंटों में ही खाना खाते हैं और बाकी समय आप कुछ नहीं खाते हैं. यह एक तरह से टाइम कंट्रोल फूड पैटर्न है, जिसका इस्तेमाल वजन घटाने, हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाने के लिए काफी किया जाता रहा है.
इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रकार
1. 16/8 विधि (16:8 Method): इसमें 16 घंटे का उपवास और 8 घंटे का खाना खाने का समय होता है. जैसे अगर आप सुबह 10 बजे खाना खाते हैं, तो आखिरी भोजन शाम 6 बजे तक कर सकते हैं, और फिर अगले दिन सुबह तक उपवासी रहते हैं.
2. 5:2 डाइट: इस विधि में सप्ताह के 5 दिन सामान्य खाना खाया जाता है, और 2 दिन बहुत कम कैलोरी (लगभग 500-600 कैलोरी) का सेवन किया जाता है.
3. आल्टर्नेटिंग डे फास्टिंग (Alternate Day Fasting): इसमें एक दिन उपवास होता है, और अगले दिन सामान्य खाना खाया जाता है. हाल ही में मलाइका अरोड़ा ने बताया कि वो भी फिटनेस के लिए आल्टर्नेट डे फास्टिंग पैटर्न फॉलो करती हैं.
4. वारियर डाइट (Warrior Diet): इसमें 20 घंटे उपवास और 4 घंटे में बड़ा भोजन किया जाता है.
इंटरमिटेंट फास्टिंग के कई प्रकार होते हैं.
इंटरमिटेंट फास्टिंग को फॉलो करने का तरीका
1. सही समय का चुनाव करें: उपवास और खाने के समय का चुनाव आपको अपने डेली रुटीन को देखते हुए करना चाहिए. जैसे अगर आप ऑफिस गोइंग हैं तो आपको ये देखना होगा कि आप इसे कैसे मैनेज करेंगे या अगर आप घर पर रहते हैं तो कौनसा टाइम-विंडो आपको सूट करेगा.
2. हाइड्रेटेड रहें: उपवास के दौरान पानी, हर्बल टी या बिना चीनी वाली चीजें पी सकते हैं. अक्सर जब-जब हमें ऐसा लगता है कि हमें भूख लग रही है, उस समय पानी पी कर देखना चाहिए. क्योंकि हो सकता है आपका शरीर हाइड्रेशन की वजह से ऐसा कर रहा है.
3. संतुलित आहार लें: जब आपका ईटिंग विंडो हो, यानी जब भी अपनी इंटरमिटेंट फास्टिंग में आप खा रहे हों, तब आप कोशिश करें कि हल्के, संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर आहार खाएं जैसे फल, सब्जियां, प्रोटीन, और स्वस्थ वसा. ताकि आपके शरीर की जरूरत पूरी हो सके.
4. एक्टिव रहें: कोशिश करें कि दौरान आप फिजिकल एक्टिविटी जरूर करते रहें. शुरुआत के समय अगर आपको एनर्जी कम लगे तो आप लाइट एक्सरसाइज ही करें.
5. अचानक बहुत सारा न खाएं: जब आपका ईटिंग विंडो हो, तो याद रखें कि अचानक कोई भारी मील न खाएं. इससे आपको ब्लोटिंग या भारीपन की परेशानी हो सकती है.
इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे
1. वजन घटाना – इंटरमिटेंट फास्टिंग में आप एक नियमित समय पर ही खाते हैं, इसलिए कैलोरी का सेवन अपने आप कम हो जाता है. इससे मेटाबोलिज्म बेहतर होता है.
2. इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार – यह शरीर के इंसुलिन रिस्पॉन्स को बेहतर बनाता है, जिससे ब्लड शुगर का लेवल कंट्रोल रहता है.
3. सेल रिपेयर और ऑक्सीकरण – उपवास के दौरान शरीर कोशिकाओं की मरम्मत करता है और फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करता है.
4. हार्ट हेल्थ बेहतर होती है – इंटरमिटेंट फास्टिंग से आपके ब्लडप्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर में सुधार हो सकता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा घटता है.
5. लंबी उम्र: कुछ अध्ययन यह संकेत देते हैं कि इंटरमिटेंट फास्टिंग उम्र बढ़ाने में मदद कर सकता है.
उपवास के दौरान पानी, हर्बल टी या बिना चीनी वाली चीजें पी सकते हैं.
इंटरमिटेंट फास्टिंग के नुकसान क्या हैं?
1. न्यूट्रिशन की कमी: अक्सर इटिंग विंडो में ‘कुछ भी खाने की छूट’ होने की वजह से लोग पसंदीदा फूड तो खा लेते हैं, पर न्यूट्रिशन का ध्यान नहीं रखते. ऐसे में इस डाइट पैटर्न के दौरान शरीर को जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो सकती है.
2. चक्कर आना और थकावट: कुछ लोग उपवास के दौरान चक्कर आने, सिर दर्द या कमजोरी का अनुभव कर सकते हैं.
3. डाइजेशन की परेशानी: कुछ लोगों को लंबे समय तक उपवास करने से डाइजेशन से जुड़ी परेशानी हो जाती है.
4. सामाजिक जीवन में असर: अक्सर दोस्तों या परिवार की बैठक हमेशा खाने पर ही होती है, लेकिन Eating Window नियमित होने की वजह से आपको सोशलाइजेशन में थोड़ी परेशानी आ सकती है.
First Published :
January 22, 2025, 18:56 IST