Agency:News18 Uttar Pradesh
Last Updated:January 22, 2025, 20:52 IST
Pilibhit Tiger Reserve News : पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जिस खूंखार बाघ को इंसानी जीवन के लिए खतरा माना गया था वह गोरखपुर के चिड़ियाघर में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बाघ का नाम ...और पढ़ें
पीलीभीत. यूपी में स्थित तराई के इलाके लंबे अरसे से इंसानों और जंगली जानवरों के संघर्ष से जूझ रहे हैं. पीलीभीत भी इनमें से एक है. नतीजतन आए दिन यहां आबादी में आए जंगली जानवरों को रेस्क्यू करना पड़ता है. इनमें से सबसे अधिक संख्या बाघों की होती है. हाल ही में पीलीभीत टाइगर रिजर्व की माला रेंज से एक बाघ को रेस्क्यू किया गया था. बीते दिनों सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ भी इस भारी भरकम बाघ की कद काठी देख कर दंग रह गए थे. इतना ही नहीं सीएम योगी ने इस बाघ का नामकरण भी कर दिया है.
पीलीभीत टाइगर रिज़र्व में बाघों की संख्या बढ़ने के साथ ही साथ मानव और जंगली जानवरों के बीच संघर्ष की घटनाएं भी लगातार बढ़ती जा रही हैं. पिछले साल PTR की माला रेंज से सटे इलाके बाघों के हमले की घटनाओं का हॉट स्पॉट बने हुए थे. तकरीबन सभी हमलों में हुई मौतों में कुछ न कुछ समानता देखी जा रही थी. ऐसे में कयास लगाए जा रहा था कि इन सभी घटनाओं के पीछे एक ही बाघ था. बीते 9 सितंबर 2024 को जंगल की सीमा में 150 मीटर अंदर तक घुसे किसान को बाघ ने मौत के घाट उतार दिया था. जिसके बाद बाघ को रेस्क्यू करने के लिए ऑपरेशन चलाया गया.
माला रेंज से किया गया था बाघ का रेस्क्यू
23 सितंबर 2024 को इस बाघ को माला रेंज की भैरो बीट से रेस्क्यू किया गया था. जिसके बाद इसे पीलीभीत टाइगर रिजर्व के सेफ हाउस पर निगरानी के लिए रखा गया था. कई दिन चले मंथन के बाद वन अधिकारियों ने इसे 15 दिन की निगरानी के लिए गोरखपुर चिड़ियाघर में 4 सदस्यीय कमेटी के सुपुर्द कर दिया था. बाघ के व्यवहार व अन्य पहलुओं को देखते हुए इस बाघ को चिड़ियाघर में ही रखने का फैसला किया गया.
सीएम योगी को देख बाघ ने लगाई दहाड़
हाल में सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर स्थित चिड़ियाघर का दौरा किया था. इसी दौरान उन्होंने वहां मौजूद अलग-अलग प्रकार के वन्यजीवों के दीदार भी किए. जैसे ही सीएम योगी पीलीभीत से रेस्क्यू किए गए बाघ के बाड़े की ओर पहुंचे वैसे ही बाघ ने दहाड़ लगा दी, जिसे सुन सीएम के साथ ही साथ उनके साथ मौजूद लोग भी दंग रह गए. जिसके बाद सीएम ने पीलीभीत से रेस्क्यू किए गए बाघ को केसरी नाम दे डाला. आपको बता दें कि ये बाघ पीलीभीत से रेस्क्यू किए गए बाघों में से सबसे भारी भरकम है. इस बाघ के ट्रैंकुलाइज होने के बाद इसे पिंजड़े में ले जाने के लिए लगभग 20 वनकर्मी लगे थे.
Location :
Pilibhit,Pilibhit,Uttar Pradesh
First Published :
January 22, 2025, 20:52 IST