रोते-रोते अस्‍पताल आई मासूम, तुरंत ऑपरेशन हुआ, मिला कुछ ऐसा कांप गए लोग

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Agency:News18Hindi

Last Updated:January 22, 2025, 21:02 IST

Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां 9 साल की छोटी बच्‍ची रोते-रोते अस्‍पताल पहुंची, उसके पेट में दर्द हो रहा था. परिजनों ने बताया कि वह कुछ खा-पी नहीं रही है. इसके बाद डॉ...और पढ़ें

रोते-रोते अस्‍पताल आई मासूम, तुरंत ऑपरेशन हुआ, मिला कुछ ऐसा कांप गए लोग

मुजफ्फरपुर से गजब मामला सामने आया है.

प्रियांक सौरभ
मुजफ्फरपुर.   
साहेबगंज की रहने वाली 9 साल की छोटी बच्‍ची के पेट में दर्द की शिकायत पर परिजन उसे एसकेएमसीएच लेकर आए थे. सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में बच्ची को भर्ती किया गया. बच्ची के पेट का एक्स-रे किया गया. जिसमें कुछ दिखा. इसके बाद डॉक्टरों ने सीटी स्कैन कराया जिसमें बाल दिखा. बच्ची में खून की कमी थी. जिसके बाद उसे खून चढ़ाया गया. इसके बाद पेडियाट्रिक सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. आशुतोष कुमार के नेतृत्व में बच्ची का ऑपरेशन किया गया. ऑपरेशन सफल रहा और अब बच्‍ची की हालत ठीक है.

ऑपरेशन के बाद उसके पेट से करीब डेढ़ किलो के बाल का गुच्छा निकला. बच्ची के पिता मजदूरी का काम करते है. पेडियाट्रिक सर्जन, SKMCH डॉ. आशुतोष कुमार ने बताया कि पिछले 7 साल से वह बाल खा रही थी. यह ट्राइकोटिलोमेनिया नामक मनोरोग की बीमारी है. उन्होंने बताया कि मरीज को मनोरोग के डॉक्टर से भी दिखाया जाएगा. पिछले 15 दिनों से बच्ची अन्‍न नहीं खा पा रही थी. खाना खाने के बाद उसे उल्टी हो जाती थी. उनके परिजन कहीं दूसरे अस्पताल में इसकी जांच करवाई थी.

गलत आदत के कारण ऐसा हुआ, इसे रोकने की कोई दवा नहीं
बच्‍ची के परिजन ऑपरेशन पर आने वाले खर्च उठाने में सक्षम नहीं थे जिसके बाद मुझे संपर्क किया गया. जब पेशेंट अस्पताल आई तो उसे खून की कमी थी तो उन्हें ब्लड चढ़ाया गया. बीते दिन इनका ऑपरेशन हुआ है; अब पेशेंट स्टेबल है. उसे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है. इस तरीके के बच्चे जो मानसिक रूप से बीमार होते हैं; उसे समझाया ही जा सकता है कि इस तरीके का काम ना करें. बेसिकली यह सायकेट्री ट्रीटमेंट और काउंसलिंग से ही ठीक होता है. उन्‍होंने कहा कि यह एक गलत आदत है, जिसे ट्रेनिंग और काउंसलिंग देकर समझा कर रोका जा सकता है.

बीते 7 सालों से बाल खा रही थी बच्‍ची, आंतों में जम गए थे बाल
डॉक्‍टर आशुतोष कुमार ने बताया कि माता-पिता ने इस बच्‍ची के बालों को कटवा दिया था ताकि वह इन्‍हें ना खाए, लेकिन जब भी बाल बढ़ते थे; बच्‍ची उन्‍हें फिर से खाने लगती थी. बीते 7 सालों से वह लगातार बाल खा रही थी. यही बाल धीरे-धीरे जमा होते रहे और फिर आंतों में जम गए थे. बालों को आंतों से हटाने के लिए ही ऑपरेशन किया गया.

Location :

Muzaffarpur,Muzaffarpur,Bihar

First Published :

January 22, 2025, 21:02 IST

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