ढाका: देशद्रोह के आरोप में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर बड़े विवाद के बीच, इस्कॉन बांग्लादेश ने गुरुवार को चिन्मय कृष्ण दास से खुद को अलग कर लिया है। इस्कॉन की ओर से कहा गया है कि उनके कार्य धार्मिक संस्था के 'प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।' इस्कॉन बांग्लादेश के महासचिव चारु चंद्र दास ब्रह्मचारी ने कहा कि चिन्मय प्रभु को अनुशासन भंग करने के कारण संगठन के सभी पदों से हटा दिया गया है उनके द्वारा की गई गतिविधियां इस्कॉन की गतिविधियां नहीं हैं।
संगठन पर लगाए जा रहे हैं निराधार आरोप
चारुचंद्र दास ब्रह्मचारी ब्रह्मचारी ने कहा कि हाल ही में, इस्कॉन बांग्लादेश के बारे में झूठा और मनगढ़ंत प्रचार करने का निरंतर प्रयास देखा गया है, जिसका ध्यान बांग्लादेश संयुक्त सनातनी जागरण जोत के आंदोलन पर केंद्रित है। 5 अगस्त को जन-विद्रोह के माध्यम से सरकार के परिवर्तन के बाद से, कुछ लोग हमारे संगठन को विवादास्पद बनाने के लिए भ्रामक बयान और निराधार आरोप लगाकर समाज में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
सैफुल इस्लाम की मौत दुखद
चारुचंद्र दास ने कहा कि विशेष रूप से, चटगांव के प्रमुख वकील सैफुल इस्लाम अलिफ की दुखद मौत के बाद, यह प्रयास अपने चरम पर पहुंच गया है। चटगांव न्यायालय भवन के सामने हुई अवांछनीय घटना के लिए इस्कॉन बांग्लादेश को गलत तरीके से दोषी ठहराने का प्रयास किया जा रहा है। हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि इस्कॉन बांग्लादेश का ऐसी नृशंस घटनाओं और चल रहे आंदोलन में कोई संलिप्तता नहीं है।
इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग अनुचित
चारुचंद्र दास ब्रह्मचारी ने कहा कि झूठ अब इस स्तर पर पहुंच गया है कि सड़क दुर्घटना जैसे मामलों को भी इस्कॉन के नाम पर थोपा जा रहा है। हम पहले भी कई बार प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से तथा शासन-प्रशासन के विभिन्न स्तरों पर इस मामले को स्पष्ट कर चुके हैं। लेकिन दुर्भाग्य से कुछ खास लोग जानबूझकर हमारे संगठन के खिलाफ मिथ्या प्रचार कर रहे हैं तथा इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने जैसी अनुचित मांग उठा रहे हैं।
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